आगरा में जमीन पर कब्जे के लिए एक बेगुनाह परिवार को अपराधी बना दिया गया। 102 दिन सलाखों के पीछे बिताने पड़े। अब पुलिस आयुक्त के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मगर, आरोपियों को जेल कब भेजा जाएगा। जगदीशपुरा पुलिस ने जो फर्जी मुकदमे दर्ज किए थे, वह समाप्त होने चाहिए। पीड़ित रवि कुशवाह ने यह बात अमर उजाला से बातचीत में कही।
वह रविवार को कलेक्ट्रेट में डीसीपी सिटी से मिले। उन्होंने अपनी पीड़ा बयां की। रवि के मुताबिक, डीसीपी ने उन्हें बताया कि मुकदमा दर्ज हो चुका है। कार्रवाई की जा रही है। वह घर जाएं, आराम से रहें। अब कोई परेशान नहीं करेगा। भाई शंकरलाल और संजू जमीन पर बने अपने घर पहुंच गए। दोनों को कब्जा दिला दिया गया। जेल भेजने के बाद से परिवार काफी डरा है। पुलिस ने जेल भेजने के दौरान उनके तीन फोन, दो वाहन भी जब्त किए थे। वापस दिलाएं। घर से जो भी सामान गायब है, उसे बरामद किया जाए।
ये पहला मामला नहीं
पुलिसिया उत्पीड़न का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पुलिस पर कई आरोप लग चुके हैं। मगर, कार्रवाई के नाम पर हर मामले में सिर्फ लीपापोती ही की गई। पहली बार मुकदमा दर्ज किया गया है, लेकिन गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है।
पुलिस ने रुपयों की मांग की थी
अप्रैल 2023 में जगनेर के गांव नौनी निवासी मनोज शर्मा को सरेंधी चौकी पर लाकर पीटा गया था। आरोप लगा था कि पुलिस ने रुपयों की मांग की थी। पत्नी को एनकाउंटर का भय दिखाया था। इस पर मनोज की पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी। मामले में निलंबन की कार्रवाई की गई। मगर, मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
शाहगंज पुलिस भी फंसी थी
थाना शाहगंज पुलिस ने 20 जून 2023 को दबिश देकर व्यापारी पिता-पुत्र और भतीजे को पकड़ा था। हवालात में पहले से बंद युवकों से पिटाई कराई थी। व्यापारी परिवार से कोरे कागजात पर हस्ताक्षर कराए गए। व्यापारी की किनारी बाजार स्थित दुकान का बैनामा कराया गया। इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। निरीक्षक को लाइन हाजिर किया गया।
ये भी हैं मामले
– दिसंबर 2023 में ट्रांस यमुना थाना में तैनात महिला दरोगा बिना वर्दी के टेढ़ी बगिया से ई-बस में रामबाग जा रही थीं। रास्ते में टिकट को लेकर परिचालक से विवाद हुआ था। उन्होंने परिचालक की पिटाई की थी। वीडियो वायरल हुआ। इस पर लाइन हाजिर हुईं।
– जून 2022 में फाउंड्री नगर पुलिस चौकी पर सादाबाद के कारीगर को लाकर पिटाई के आरोप लगे थे। चौकी प्रभारी और दो सिपाहियों को निलंबित किया गया। बाद में क्लीन चिट दी गई।