UP: यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक कितने भी निर्देश दें पर अधिकारियों के कान पर जूं भी नहीं रेंगता है। एटा में ऐसा ही एक मामला सामने आया। जहां एंबुलेंस की देरी ने मरीज की जान ले ली। परिजन मरीज को ठेला गाड़ी पर अस्पताल लेकर पहुंचे पर उसकी मौत हो गई।

पटियाली गेट निवासी अमन ने बताया उसके 50 वर्षीय पिता सब्जी बेचने का कार्य करते थे। सोमवार को दोपहर के समय वह सब्जी की दुकान से घर पहुंचे। इस दौरान बेड पर बैठ गए और परिजन से बातचीत कर रहे थे। अचानक से बेड पर बैठे-बैठे गिर गए। घर में मौजूद लोगों द्वारा उन्हें उठाकर बेड पर लिटाया गया। लेकिन वह कुछ बोले नहीं, बेहोश हो चुके थे।

मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए तीन बार 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया गया, लेकिन उधर से कहा गया कि लोकेशन नहीं मिल रही है। इस पर वह पिता को सब्जी की ठेल से लेकर दोपहर करीब एक बजे मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने देखा और मृत बता दिया। मृतक के परिजन का कहना था कि अगर एंबुलेंस पहुंच जाती तो उनकी जान बच सकती थी।

डीएम स्तर से हो रही है मॉनीटरिंग
जिले में एंबुलेंस की आए दिन शिकायत हो रहीं थी। इस पर डीएम ने टीम लगाकर एंबुलेंस की रात को पड़ताल कराई। टीम को एंबुलेंस में समय आदि को लेकर कई खामियां मिली। यहां तक कि ईएमटी व चालकों का तबादला आदि किया गया। लेकिन इसके बाद भी व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो पा रहीं है।

निकलवाई जा रही कॉल डिटेल
सीएमओ  डॉ. उमेश त्रिपाठी ने बताया कि हथठेल से मरीज मेडिकल कॉलेज पहुंचा। एंबुलेंस उसे लेने नहीं पहुंची मामला गंभीर है। इसको दिखवाया जाएगा। कॉल डिटेल निकलवाई जाएगी। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

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