प्रदेश में एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस)के तहत सोमवार तक करीब 2600 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। करीब 180 करोड़ से ज्यादा का राजस्व बिजली चोरी करने वालों से मिला है। ओटीएस का दूसरा चरण 15 दिसंबर को पूरा हो रहा है। इसके बाद 16 से 31 दिसंबर तक अंतिम चरण चलेगा।
प्रदेश में ऊर्जा विभाग की ओर से 8 नवंबर को एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) शुरू की गई है। अब तक बिजली चोरी के मामलों में पश्चिमांचल में 17,312 लोगों ने पंजीयन कराया है, जिनसे करीब 50.07 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। इसी तरह पूर्वांचल में 13276 उपभोक्ताओं से 53.78 करोड़, दक्षिणांचल में 14,220 उपभोक्ताओं से 39.37 करोड़, मध्यांचल में 8484 उपभोक्ताओं से 35.08 करोड़ और केस्को कानपुर के1184 उपभोक्ताओं से 2.47 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। इसी तरह सामान्य उपभोक्ताओं में मध्यांचल में 7,70,718 उपभोक्ताओं ने पंजीयन कराया, जिनसे 490.33 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। इसी तरह पूर्वांचल में 765137 उपभोक्ताओं से 847.74 करोड़, दक्षिणांचल में 5,99,895 उपभोक्ताओं से 490.33 करोड़ और पश्चिमांचल में 5,93,036 उपभोक्ताओं से 618.86 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।
तीसरे चरण में मिलेगा अंतिम मौका
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष गोयल ने बताया कि विद्युत बकाये के एकमुश्त समाधान योजना कारगर साबित हो रही है। दूसरा चरण भी 15 दिसंबर को खत्म होने वाला है। उपभोक्ता जल्द से जल्द पंजीयन करा लें। इसके तहत एक किलोवाट भार तक वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 12 तथा एक किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं को 6 किस्तों में बकाया भुगतान करने की व्यवस्था की गई है। इसी तरह निजी नलकूप उपभोक्ताओं को भी 12 किस्तों में व अन्य को 3 किस्तों में भुगतान की सुविधा मिली है।
विद्युत चोरी के मामलों में राजस्व निर्धारण पर दो तिहाई छूट के साथ ही जिन उपभोक्ताओं के विरुद्ध आरसी जारी की जा चुकी है, उन्हें भी योजना में शामिल किया गया है। न्यायालय में लंबित वादों में भी योजना का लाभ दिया जा रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता किसी भी विभागीय बिलिंग काउंटर पर, एसडीओ या एक्सईएन कार्यालय पर या यूपीपीसीएल की वेबसाइट पर योजना में पंजीकरण कर इसका लाभ ले सकते हैं।