Accident

सीतापुर जिले में खैराबाद थाना क्षेत्र के समदेपारा मोड़ पर गुरुवार को एक फोर्ड फिगो कार और ट्रक की भीषण टक्कर में कार सवार चार लोग काल के गाल में समा गए। चार मृतकों में पिता रामदास मौर्य संग उनके दोनों पुत्रों अवनीश व अंकुर की मौत हो गई। हादसे के बाद हाहाकार मच गया और लोग काफी संख्या में मौके पर जमा हो गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ट्रक से टकराने के बाद कार ट्रक के नीचे आ गई। इसी वजह से कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इस दौरान ट्रक पर लदे सीवर पाइप भी कार पर गिर गए। इस भीषण हादसे में कार सवार चारों रिश्तेदारों की मौत हो गई। यह भी पता चला कि कार सवार थाना क्षेत्र के नेशनल हाइवे 24 पर समदेपारा मोड़ पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर ईंधन डलवाने जा रहे थे। डिवाइडर के कट के पास कार उल्टी दिशा की ओर जा रही थी। तभी यह हादसा हो गया।

हे भगवान! यह क्या अनर्थ कर दिया… अब क्या मुंह लेकर वापस जाएंगे। यह शब्द बृहस्पतिवार को जिला अस्पताल में मौजूद हादसे में दम तोड़ चुके मृतकों के परिजनों के थे। किसी को इस बात का अंदेशा ही नहीं था कि शादी की खुशियों में शामिल होने जा रहे कार सवार रिश्तेदार रास्ते में ही काल के गाल में समा जाएंगे। हादसे की जानकारी पाकर स्वयं दूल्हा ऋषभ भी परिजनों संग अस्पताल पहुंच गया।

बेटा, तुम लोग कहां पहुंचे, जल्दी आओ…
बेटा.. तुम लोग कहां पर हो, कहां तक पहुंचे हो। जल्दी आओ, शादी समारोह में समय से पहुंचना है। यह बात दूल्हे ऋषभ को बार-बार फोन कर रही उसकी मां कहती रहीं। ऋषभ कुछ नहीं बोला। दूसरी तरफ से ऋषभ से मां फिर बोलीं कि टीवी पर चल रहा है कि रुद्रपुर निवासी चार लोगों की मार्ग दुर्घटना में मौत हो गई है। इस बार ऋषभ फिर लड़खड़ाती जुबान से बोला- नहीं, नहीं मम्मी। ऐसा कुछ नहीं है। हम लोग चाय पी रहे हैं। ऋषभ की मां बोलीं कि फिर मेरी आयुष से बात कराओ। ऋषभ ने अपने भाई आयुष से बात करवाई तो मां ने मोबाइल से लोकेशन भेजने को कहा। यह सुनकर आयुष ने फोन काट दिया। वहीं, अस्पताल में मौजूद मृतकों के परिजन यह नहीं समझ पा रहे कि इस हादसे की जानकारी अन्य लोगों को किस मुंह से दी जाए।

नाना, मामा नहीं रहे…
रुद्रपुर से अयोध्या अपनी शादी की बरात लेकर जा रहे ऋषभ हादसे की खबर सुनकर जिला अस्पताल पहुंचे। वहां मौजूद विजय कुमार के बड़े बेटे आयुष इमरजेंसी में परिजनों के शवों को पहचानने के बाद ऋषभ से मिले। वह ऋषभ के गले लगकर बोले- नाना मामा नहीं रहे। यह सुनकर ऋषभ सन्न होकर बेहोश होने लगा तो आयुष ने संभाला। यही हाल ऋषभ के पिता विजय कुमार का भी हुआ। वह अचेत अवस्था में गाड़ी का सहारा लेकर रोते बिलखते रहे।

अहमदाबाद से छुट्टी लेकर आए थे मामा
ऋषभ का कहना था कि उसके छोटे मामा अंकुर मौर्य अहमदाबाद में एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत थे। वह शादी में शामिल होने के लिए छुट्टी लेकर आए थे। उन्होंने आते ही कहा था कि भांजे तुम्हारी शादी के बाद अब मेरा ही नंबर है। लेकिन किसी को क्या पता था कि मेरी ही शादी में जाने के लिए निकले मामा अब हमेशा के लिए हम लोगों को छोड़ जाएंगे।

सात फेरे लेने रवाना हुआ ऋषभ
सड़क हादसे में अपनों को खोने के बाद बुझे मन से ऋषभ अयोध्या में बरात का इंतजार कर रही जीवनसंगिनी संग सात फेरे लेने के लिए रवाना हो गया। इस दौरान उसकी आंखों से आंसू गिरते रहे। पुलिस के कहने पर कुछ जिम्मेदार परिजनों को जिला अस्पताल में रोका गया है, जो विधिक कार्यवाही में पुलिस का सहयोग करेंगे।

बरात संग चल रही थी कार
हादसे से पहले दुर्घटनाग्रस्त बरात के साथ-साथ चल रही थी। रुद्रपुर से चली बरात में इस कार के अलावा बस और कुछ अन्य एसयूवी गाड़ियां भी शामिल थीं। इनकी बस खैराबाद के जनता ढाबा पर भी रुकी थी। इसके बाद बरात संग चल रही कार महज पांच किलोमीटर बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

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