पांच दिन पहले 15 नवंबर को नौ घंटे के अंदर नई दिल्ली से बिहार जा रही दो ट्रेनों में हादसे में क्षतिग्रस्त हुए कोचों से सोमवार को आगरा से आई फोरेंसिक टीम ने नमूने लिए।

सोमवार को आगरा से आई चार सदस्यीय टीम दोपहर दो बजे के बाद जंक्शन स्टेशन पहुंची। आते ही टीम के सदस्य प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित फुट ओवर ब्रिज के जरिए स्टेशन के दूसरी ओर उतरने के बाद प्लेटफार्म नंबर सात पर जले खड़े स्लीपर कोचों के पास पहुंचे। उन्होंने क्लोन एक्सप्रेस के तीन स्लीपर, एक दिव्यांग कोच व वैशाली एक्सप्रेस के एक कोच में गहन छानबीन की। इसके बाद पांचों कोच से तीन-तीन नमूने लिए हैं।

बताया कि प्रत्येक कोच से तीन तरह के नमूने लिए। इनमें डिजिटल वाटर, सीसीएस-2 और एससी टोन के नमूने शामिल हैं। जांच के लिए इन नमूनों को प्रयोगशाला आगरा भेजा जाएगा। दूसरी ओर जीआरपी ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। आगरा फोरेंसिक विभाग की जांच टीम में वैज्ञानिक अधिकारी अजय शुक्ला के अलावा वैज्ञानिक अशोक यादव व अशोक कुशवाहा तथा फोटोग्राफर धर्मेंद्र शामिल रहे। साथ ही आरपीएफ पोस्ट प्रभारी निरीक्षक गजेंद्र पाल सिंह, जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक शैलेश निगम, स्टेशन अधीक्षक पूरन मल मीना के अलावा आरपीएफ व जीआरपी के सुरक्षा बल उपस्थित रहे। जांच कार्य करीब एक घंटे चली।

दोनों ट्रेनों के स्लीपर व दिव्यांग समेत पांच कोचों में आग लगने की घटना के बाद जीआरपी ने मुकदमा दर्ज किया है। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक शैलेष निगम ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। बताया कि नई दिल्ली-दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस की विवेचना एसआई लल्लन प्रसाद वर्मा व नई दिल्ली-सहरसा वैशाली एक्सप्रेस की विवेचना एसआई सत्यपाल सिंह कर रहे हैं।

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