उरई में छह दिन पहले पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए फर्जी दरोगा को पुलिस ने कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां से वह सोमवार को पुलिस अभिरक्षा में लगे दो सिपाहियों को चकमा देकर भाग गया था। जानकारी के बाद एसपी ने दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया था। साथ की उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमों को लगाया था। गुरुवार को एसओजी सर्विलांस व कुठौंद पुलिस ने मुठभेड़ में उसके दूसरे पैर में गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को उसके पास से तमंचा-कारतूस व एक बाइक बरामद हुई है, उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रामपुरा थाना के जगम्मनपुर निवासी जितेंद्र परिहार उर्फ शैलेंद्र फर्जी एसओजी व एसटीएफ का दारोगा बनकर लोगों के साथ लूटपाट करता था। वह औरैया का वांछित अपराधी था, 10 नंवबर को एसओजी सर्विलांस और उरई कोतवाली पुलिस ने जितेंद्र व उसके साथी गजेंद्र को पुलिस मुठभेड़ में राहिया के पास से गिरफ्तार किया था। फायरिंग में जितेंद्र के दाएं पैर में गोली लग जाने पर पुलिस ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया था, जहां से उसे कानपुर के हैलट के लिए रेफर कर दिया गया था। हैलट में उसका इलाज चल रहा था। उसकी निगरानी के लिए सिपाही दीपेंद्र और तेज सिंह को लगाया गया था।
सोमवार को वह पुलिस को चकमा देकर भाग गया था। इसके बाद एसपी ने ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने के मामले में दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया था। साथ ही जितेंद्र की गिरफ्तारी के लिए टीमों को लगाया था। गुरुवार की शाम एसओजी, सर्विलांस और कुठौंद थाना पुलिस को जानकारी मिली कि जितेंद्र बाइक से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के पास सर्विस रोड पर गोरा मोड़ के पास खड़ा है। जिस पर पुलिस ने उसकी घेराबंदी की, बदमाश ने खुद को घिरता देख तमंचे से पुलिस के ऊपर फायरिंग शुरू कर दी। जिस पर जवाबी फायरिंग में पुलिस ने उसके बाएं पैर पर गोली मार दी। जिससे वह घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम को उसके पास से तमंचा व कारतूस व एक बाइक बरामद हुई है। एसपी डॉ. ईरज राजा का कहना है कि जितेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कार्रवाई की जा रही है।