भाजपा के दो सांसद ”इंडिया” गठबंधन से चुनाव लड़ सकते हैं। इन दोनों के अपनी पार्टी के साथ संबंध सहज नहीं हैं। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी उनके लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात भी कर चुकी हैं। माना जा रहा है कि विपक्षी गठबंधन इन दोनों मौजूदा सांसदों पर दांव लगा सकता है।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टियां और नेता हर स्तर पर एक-दूसरे के संपर्क में हैं। यह करीब-करीब तय है कि अधिकतर प्रमुख पार्टियां यह चुनाव दो मुख्य खेमों में बंटकर ही लड़ेंगी। इसलिए जिसके भी समीकरण अपनी पार्टी में बिगड़े हुए हैं या इसकी आशंका है, वे विरोधी खेमे के नेताओं के संपर्क में हैं।

रूहेलखंड के भाजपा के एक सांसद लगातार अपनी पार्टी की नीतियों के खिलाफ सार्वजनिक बयान दे रहे हैं। एक और सांसद भी अपने सत्ताधारी दल में अपेक्षित महत्व न मिलने से अलग रास्ता पकड़ने की तैयारी में हैं। इंडिया की समन्वय समिति के सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों सांसदों को लग रहा है कि उनकी पार्टी इस बार उन्हें टिकट नहीं देगी। इसलिए उन्होंने ममता बनर्जी से संपर्क साधा।

उनका इरादा है कि लोकसभा चुनाव में उन्हें इंडिया गठबंधन का समर्थन मिल जाए। इसके लिए या तो वे इंडिया गठबंधन के किसी दल से चुनाव लड़ लें या फिर निर्दल प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरें और इंडिया गठबंधन भी उनका समर्थन कर दे। बताते हैं कि सपा अपने सिंबल पर उन्हें चुनाव लड़ाने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि, उनकी पहले से चली आ रही छवि के चलते सपा के परंपरागत अल्पसंख्यक वोट बैंक के असहज होने की संभावना है। ममता बनर्जी ने तृणमूल के टिकट पर उन्हें लड़ाने का प्रस्ताव रखा है, जिस पर विचार चल रहा है।

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