भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सपा कार्यालय में ताला लगने के बाद बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 2007 में ही आजम खां ने खुद ही नगर मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर सपा कार्यालय का आवंटन निरस्त कराया था। उन्होंने पत्र की कॉपी भी जारी की है।
पूर्व में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के कार्यालय में सपा का दफ्तर था। उसी कार्यालय से समाजवादी पार्टी की सभी राजनीतिक गतिविधियां होती थीं, लेकिन बाद में आजम खां ने उसी कार्यालय की जमीन को रामपुर पब्लिक स्कूल के नाम से आवंटित करा लिया।
जिसमें यह प्रमुख शर्त थी कि उस जमीन पर कोई भी राजनीतिक गतिविधि नहीं होगी, लेकिन आजम खां ने उस जमीन के एक हिस्से में जौहर ट्रस्ट से संचालित रामपुर पब्लिक स्कूल की एक शाखा खोल दी। दूसरे हिस्से में दारुल आवाम के नाम से कार्यालय संचालित कर लिया।
जिसमें सपा कार्यालय संचालित होने लगा और उसी कार्यालय में कई बार लोकसभा उपचुनाव और विधानसभा उपचुनाव को लेकर बैठकें और सभाएं आयोजित की गईं। लीज की शर्तों के उल्लंघन में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने शासन से शिकायत कर दी।
जिसके बाद जांच कराई गई। जांच में शिकायत सही पाई गई और प्रदेश सरकार ने कैबिनेट के फैसले के बाद लीज आवंटन निरस्त कर दिया। अब इसको लेकर भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने नया खुलासा किया है।
भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने बताया है कि 2007 में बेसिक शिक्षा विभाग की आवंटित जमीन के लिए खुद आजम खां ने ही सपा कार्यालय का आवंटन निरस्त कराया था।
यह आवंटन निरस्त कराने के बाद उन्होंने अपना स्कूल खोल लिया और अवैध तरीके से सपा का कार्यालय चलाने लगे, लेकिन हकीकत यह है कि 2007 के बाद से रामपुर में सपा का कार्यालय ही नहीं है।