घर से अपहरण के बाद नौ साल की बच्ची से छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट के मामले में अपराधी बबलू को न्यायालय ने पांच साल की सजा सुनाई है। गिरफ्तारी के बाद से ही वह जेल में बंद है। इससे पहले उसे दो मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। वह जेल काट रहा है। ये घटना हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव में हुई थी।

यहां पर किसान का परिवार रहता है। 12 मार्च 2022 की दोपहर किसान अपने पत्नी के साथ पशुओं का चारा लेने के लिए खेत पर गया हुआ था। उनकी नौ वर्षीय से बेटी घर पर अकेली थी। जब किसान और उसकी पत्नी घर वापस लौटे तो उनकी बेटी गायब थी। काफी तलाश करने के बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला।

तभी किसान और उसकी पत्नी गांव के पास आम के बाग में पहुंचे तो एक युवक उनकी बेटी के साथ छेड़खानी कर रहा था। तभी शोर मचाने पर गांव वालों की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान ग्रामीणों ने आरोपी को मौके पर पकड़ लिया और पिटाई करने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना नाम बबलू निवासी घंसूरपुर थाना हसनपुर बताया। इस मामले में पुलिस ने बच्ची के पिता की शिकायत पर बबलू के खिलाफ अपहरण के बाद छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। बाद में पुलिस ने बबलू को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था।

तभी से वह जेल में बंद है। इस मुकदमे की सुनवाई जिला सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो एक्ट प्रथम डॉ. कपिला राघव की अदालत में चल रही थी। न्यायालय ने मंगलवार को मुकदमे में सुनवाई की और आरोपी बबलू को दोषी करार दिया।

विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने बताया कि बुधवार को सजा के प्रश्न पर सुनवाई की गई। न्यायालय ने साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर दोषी बबलू को पांच साल की सजा सुनाई। साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

बबूल के दिलों दिमाग में रहता है हैवानियत फितूर

पुलिस बबलू को मनोरोगी मानती है। वह बच्चियों और किशोरियों पर बुरी नजर रखता है। छेड़छाड़ व दुष्कर्म की तीन वारदातों को अंजाम दे चुका है। बबूल ने सैदनगली थाना क्षेत्र के एक गांव में 22 जून 2023 को किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म की इस वारदात में किशोरी के पिता ने अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

पुलिस ने पीड़िता से आरोपी का हुलिया, उम्र, कपड़ों-चप्पलों का रंग पूछते हुए एक संदिग्ध का फोटो किशोरी के पिता को व्हाट्सएप पर भेजा तो उसे पहचान लिया गया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के घंसूरपुर निवासी बबलू को जेल भेज दिया था।

जमानत नहीं होने से वह जेल में था। इस मामले में पुलिस ने 21वें दिन अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। जबकि अदालत ने सुनवाई के 48वें दिन सजा सुना दी। पुलिस के मुताबिक करीब 22 वर्षीय बबलू मनोरोगी है, उस पर हसनपुर, गजरौला और सैदनगली थाने में 15 मुकदमे दर्ज हैं।

दुष्कर्म की कोशिश में हुई थी पांच साल की सजा

कोतवाली क्षेत्र के गांव घंसूरपुर निवासी बबलू आदमपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने बहनोई के घर पर रहता था। 16 फरवरी 2014 की दोपहर करीब साढ़े बारह बजे वह गांव की एक छह वर्षीय बच्ची को बहला फुसलाकर अमरूद की बगिया में ले गया, जहां उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म की कोशिश की थी।

पुलिस ने बबलू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उस मामले में 10 जून 2016 को अपर जिला जज प्रथम रमाकांत मिश्र की अदालत ने बबलू को दोषी मानते हुए पांच वर्ष की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। कुछ दिन जेल काटने के बाद बबलू अपील पर जेल से बाहर आ गया था और जिसके बाद उसने कई और वारदातों को अंजाम दिया।

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