साइबर अपराधी अब सरकारी विभागों को भी निशाना बनाने लगे हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें साइबर अपराधियों ने नगर पालिका के खाते से सवा तीन करोड़ रुपये निकाल लिए। यह धनराशि नगर पालिका के खाते से दूसरे खातों में तीन बार में भेजी गई है।
इसकी जानकारी होने पर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) ने सदर कोतवाली में सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया है। ईओ स्वर्ण सिंह ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि नगर पालिका के खाता संख्या 104801004141 से 25 अक्तूबर 2023 को तीन करोड़ 25 लाख 22 हजार 713 रुपये दूसरे खातों में भेज दिए गए।
इसमें दो अलग-अलग फर्मों के खाते में तीन बार में उक्त धनराशि भेजी गई। यह गड़बड़ी आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य शाखा रायबरेली के खाते की गई। कोतवाल संजय त्यागी ने बताया कि केस दर्ज करके प्रकरण की जांच कराई जा रही है। नगर पालिका अध्यक्ष शत्रोहन सोनकर का कहना है कि नगर पालिका के खाते से सवा तीन करोड़ रुपये निकाल लिए जाने का मामला गंभीर है। इस मामले की पुलिस जांच कर रही है।
नगर पालिका के अधिकारियों ने खाते से सवा तीन करोड़ रुपये निकाले जाने पर बैंक जाकर पता लगाया तो जानकारी हुई कि तीन बार में उक्त धनराशि का ट्रांसफर हुआ। इसमें फर्म अनेकता में एकता क्रांति मंच के खाते में 98 लाख 65 हजार 987 रुपये, 99 लाख 56 हजार 895 रुपये और न्यू रॉयल इंटरप्राइजेज के खाते में एक करोड़ 20 लाख 68 हजार 975 रुपये भेजे गए। खास बात ये है कि नगर पालिका अध्यक्ष और ईओ की ओर से इन फर्मों का कोई भुगतान नहीं किया गया। इसके बावजूद इतनी बड़ी रकम स्थान्तरित हो गई।
लेखाकार पर लटकी कार्रवाई की तलवार
इस मामले में नगर पालिका परिषद रायबरेली के लेखाकार गिरीश बहादुर सिंह पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। हाल में ही बोर्ड की बैठक में सभासदों ने सर्वसम्मति से लेखाकार को हटाए जाने का प्रस्ताव पास किया था। लेखाकार पर पहले कर्मचारियों के पैसे का गबन करने का आरोप लगा चुका है। अब सवा तीन करोड़ रुपये खाते से निकाले जाने में भी लेखाकार संदेह के घेरे में हैं। दरअसल, अध्यक्ष व ईओ के डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट लेखाकार गिरीश बहादुर सिंह के पास रहते हैं। इसके साथ ही पीएफएमएस पोर्टल का कार्य लेखा अनुभाग के लिपिक अमित श्रीवास्तव की ओर से किया जाता है। पुलिस जल्द लेखाकार से इस बारे में पूछताछ भी कर सकती है।
नगर पालिका के खाते से सवा तीन करोड़ रुपये निकाले जाने के मामले की एफआईआर सदर कोतवाली में दर्ज कराई गई है। यह गड़बड़ी कैसे हुर्ई, इसकी विभागीय जांच भी कराई जा रही है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी स्वर्ण सिंह के मुताबिक जिन फर्मों के खाते में पैसा भेजा गया, वे नगर पालिका में काम नहीं करती हैं। एक करोड़ 98 लाख से ज्यादा धनराशि सीतापुर के स्टेशन रोड नई बस्ती स्थित बैंक ऑफ इंडिया के खाते में और एक करोड़ 20 लाख से ज्यादा रुपये आईसीआईसीआई बैंक लखनऊ के खाते में भेजे गए। लखनऊ की बैंक के खाते से दो बार में 15 लाख रुपये निकाले गए हैं। बाकी धनराशि दोनों बैंकों में सुरक्षित है। दोनों खातों से लेनदेन पर रोक लगा दी गई है।