प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर मिलने वाली छूट अब आगामी एक वर्ष तक और मिलेगी। परिवहन विभाग और औद्योगिक विकास विभाग ने ईवी पॉलिसी के तहत वाहनों को मिलने वाली छूट की अवधि को एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को दिया है।

प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 13 अक्तूबर 2022 को इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 को मंजूरी दी थी। नीति के तहत पहले पहले दो लाख दो पहिया ईवी पर पांच हजार रुपये, पहले 50 हजार ईवी वाहन की खरीद पर 12 हजार रुपये और पहले 25 हजार चार पहिया ईवी वाहन की खरीद पर एक-एक लाख रुपये की छूट देना था। इसी प्रकार पहले एक हजार ई-गुड्स वाहनों की खरीद पर एक-एक लाख रुपये, पहली 400 ईवी बसों की खरीद पर 20-20 लाख रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय किया था।

सरकार की ओर से जारी शासनादेश में 14 अक्तूबर 2022 से 13 अक्तूबर 2023 तक छूट देने के आदेश दिए थे। करीब एक साल की अवधि में प्रदेश में 34 हजार इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी के लिए पंजीकृत हुए हैं। परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक पॉलिसी तो भले ही 14 अक्तूबर 2022 से लागू हो गई थी। लेकिन उसका क्रियान्वयन शुरू करने में छह महीने का समय लग गया। 

वहीं सरकार ने जितने वाहनों को सब्सिडी देने का निर्णय किया था उतने वाहन एक साल में पंजीकृत भी नहीं हुए हैं। परिवहन विभाग ने सब्सिडी बढ़ाने का सुझाव औद्योगिक विकास विभाग को दिया था। औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ईवी पर मिलने वाली सब्सिडी को आगे एक साल तक बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है।

परिवहन विभाग के उपायुक्त राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि जिन लोगों ने 14 अक्तूबर 2022 से 13 अक्तूबर 2023 की अवधि में ईवी खरीदा है। यदि उन्होंने सब्सिडी के लिए आवेदन नहीं किया है तो वह पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।

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