बिहार में जाति जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद अब उत्तर प्रदेश में इसको लेकर सियासत तेज हो गयी है। सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने जातीय जनगणना (Caste Census) और सर्वे की मांग करते हुए इसे सामाजिक न्याय के लिए आवश्यक बताया है।

बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने योगी सरकार को नसीहत देते हुए जातीय जनगणना शुरू करने की मांग की है तो समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश ने अधिकार दिलाने के लिए इसकी जरूरत बताई है।

जाति जनगणना की मांग को लेकर बीते कुछ महीनों से प्रदेश भर में पिछड़े वर्गों का सम्मेलन करा रही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।

जातीय जनगणना के नतीजे सार्वजनिक होने के बाद कुछ पार्टियां असहज: मायावती 

मायावती ने मंगलवार को कहा कि बिहार मे जातीय जनगणना के नतीजे सार्वजनिक होने के बाद कुछ पार्टियां असहज हैं पर बसपा का मानना है कि यह ओबीसी के संवैधानिक हक के संघर्ष की पहली सीढ़ी है।

उन्होंने कहा कि देश की राजनीति उपेक्षित बहुजन समाज के पक्ष में इस कारण नया करवट ले रही है और पिछड़ा विरोधी व सांप्रदायिक दल इससे चिंतित नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र व यूपी की सरकार को जातीय जनगणना व सर्वे करा पिछड़े वर्गों को उनका वाजिब हक देना चाहिए।

वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि जातीय जनगणना पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) की राजनीति को नई दिशा देने वाली हैं। इसे सामाजिक न्याय का गणितीय आधार बताते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि यह 85 बनाम 15 का संघर्ष नहीं बल्कि सहयोग के नए रास्ते खोलेगी।

उन्होंने कहा कि जो लोग प्रभुत्व कामी नहीं बल्कि सबके हक के हिमायती हैं वो इसका समर्थन करेंगे। अखिलेश ने कहा भाजपा को राजनीति छोड़ कर देशव्यापी जाति जनगणना करवाना चाहिए क्योंकि जब लोगों को अपनी वास्तविक गिनती मालूम होती है तो एक आत्मविश्वास जगता है। सपा मुखिया ने कहा कि जातिगत जनगणना देश की तरक्की का रास्ता है।

अजय कुमार लल्लू ने सीएम योगी को लिखा पत्र

उधर जाति आधारित जनगणना को लेकर बीते कई महीनों से प्रदेश भर में सम्मेलन करा रही कांग्रेस ने भी इस मांग को और जोर-शोर से उठाने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि जाति जनगणना करायी जाए जिससे वंचित समाज के लोगों के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए न्यायपूर्ण योजनाएं बन सकें।

अपने पत्र में लल्लू ने लिखा है कि देश की सबसे बड़ी 23 करोड़ की आबादी उत्तर प्रदेश में है। जाति ऐसी सच्चाई है जिसे झुठलाना हमारी विविधता से भरी विरासत को चुनौती देना है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने जातीय जनगणना कराई थी पर दुर्भाग्य से उसके आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जब तक जातियों का आंकड़ा सामने नहीं आएगा तब तक कैसे तय होगा कि प्रदेश की प्रगति में किसकी कितनी भागीदारी होनी चाहिए।

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