माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ के साला सद्दाम को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सद्दाम ने कई राज उगले। उसने पुलिस को बताया कि वह बरेली जिला जेल में बंद रहे बहनोई अशरफ को सहूलियतें पहुंचाता था। गुर्गों को जेल में ले जाकर अशरफ से मिलवाता था। 

उसने बंदीरक्षक शिवहरि अवस्थी व अन्य लोगों के नाम लिए, जिन्हें वह रकम देता था। बदले में वे अशरफ तक रसद व अन्य सामग्री भेजते थे। इन्हीं कर्मियों की मदद से उसने उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटरों की अशरफ से मुलाकात कराई थी। आरोपी कर्मचारी जेल में बंद हैं।

बिथरी चैनपुर थाने में दर्ज मुकदमे में वांछित मुख्य आरोपी सद्दाम की ही गिरफ्तारी शेष थी। इनके अलावा प्रयागराज निवासी गुड्डू बमबाज और अरमान के नाम भी बाद में इस मुकदमे में खोले गए थे। इनके बारे में भी पुलिस को अहम जानकारी मिली है। 

फरार आरोपियों पर कसेगा शिकंजा 

सद्दाम की गिरफ्तारी के बाद फरार चल रही उसकी बहन जैनब और अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता के बारे में भी पुलिस को अहम सुराग मिलने की बात बताई जा रही है। प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ की टीमें बरेली एसटीएफ के संपर्क में हैं। जल्दी ही चारों फरार आरोपियों पर शिकंजा कसा जा सकता है। सद्दाम को रिमांड पर भी लिया जा सकता है।

उधर, सद्दाम की गिरफ्तारी के बाद ही प्रयागराज में मौजूद परिजनों व रिश्तेदारों से लेकर उसके चहेतों ने सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू कर दिया कि उसके साथ अनहोनी हो सकती है। प्रयागराज में बैठे सद्दाम के गुर्गों को उसके एनकाउंटर का अंदेशा था, इसलिए सोशल मीडिया पर सद्दाम की गिरफ्तारी की खबर फैलानी शुरू कर दी। एसटीएफ ने सद्दाम का फोटो जारी किया तो गुर्गों ने इसे भी वायरल कर दिया।

2013 में भी की थी मदद 

2013 के बाद अशरफ को फरारी काटने में सद्दाम और उसके भाइयों ने मदद की थी। अशरफ प्रयागराज के बम्हरौली में इमरान के घर में छिपा था। वहां धूमनगंज पुलिस ने दबिश देकर सद्दाम और उसके चार भाइयों को गिरफ्तार किया था। इसके कुछ समय बाद अशरफ को उसकी ससुराल हटवा से गिरफ्तार कर लिया गया था। तभी से पुलिस ने अशरफ के ससुरालवालों पर शिकंजा कस दिया था। मददगार के तौर पर सद्दाम का घर भी गिरा दिया गया था।

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