राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहनराव भागवत तीन दिवसीय प्रवास पर शुक्रवार को लखनऊ आएंगे। भागवत 24 सितंबर तक संघ के अवध प्रांत की कार्यकारिणी, अवध प्रांत के सात विभागों और संघ दृष्टि से 26 जिलों की कार्यकारिणी की बैठक लेंगे। भागवत अवध में संघ के विस्तार, राष्ट्रवाद के मुद्दों को धार और हिन्दुत्व के मुद्दों पर मंथन करेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अवध प्रांत में 13 प्रशासनिक जिले, 26 संघ जिले, 174 खंड, 1819 मंडल हैं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में 1765 और शहरी क्षेत्रों में 442 से अधिक शाखाएं संचालित हैं। शाखा के अतिरिक्त साप्ताहिक मिलन और मासिक मंडली के रूप में संघ का कार्य लगभग सभी न्याय पंचायतों तक पहुंच गया है। तीन दिवसीय दौरे में अवध प्रांत में संघ के कामकाज की समीक्षा के साथ आगामी योजना कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी।
बताया जा रहा है कि संघ शताब्दी वर्ष के मद्देनजर प्रत्येक गांव तक किसी न किसी रूप में उपस्थिति बढ़ाने के लिए गतिविधियों को विस्तार देने पर भी बात होगी। अवध प्रांत के प्रचारक कौशल कुमार सहित अन्य पदाधिकारियों ने बृहस्पतिवार को संघ प्रमुख के दौरे से पहले सभी तैयारियों की समीक्षा की।
गतिविधियों की भी करेंगे समीक्षा
आरएसएस प्रमुख अवध प्रांत के दौरे में कुटुंब बोधन, पर्यावरण संरक्षण, धर्म जागरण, ग्राम विकास, सामाजिक समरसता और गो सेवा गतिविधियों की भी समीक्षा करेंगे।
पूर्वी क्षेत्र में भागवत का एक दौरा और होगा
जानकार बताते हैं कि सरसंघचालक भागवत और सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सभी प्रांतों में एक-एक प्रवास करेंगे। यह व्यवस्था की गई है कि जिस प्रांत में संघ प्रमुख जाएंगे उस प्रांत में सर कार्यवाह का दौरा नहीं होगा। पूर्वी क्षेत्र में अवध, काशी, कानपुर और गोरक्ष चार प्रांत है। अवध प्रांत में भागवत का दौरा शुक्रवार से हो रहा है। आगामी महीनों में भागवत किसी एक अन्य प्रांत का दौरा करेंगे। वहीं सर कार्यवाह होसबाले दो प्रांतों का दौरा करेंगे।
संघ परिवार की समन्वय बैठक के बाद भागवत का प्रवास अहम
संघ प्रमुख के आने से पहले संघ के सह सर कार्यवाह अरुण कुमार की उपस्थिति में 19 सितंबर को संघ परिवार की समन्वय बैठक हो चुकी है। इसमें सामाजिक व राजनीतिक परिदृश्य की विस्तार से समीक्षा हुई थी। इस बैठक के एक सत्र में संघ परिवार के विभिन्न संगठनों के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी व प्रदेश संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह तथा आखिरी सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक भी शामिल हुए थे।