गाजियाबाद के गोविंदपुरम में सब्जी लेकर घर लौट रहीं 60 वर्षीय प्रकाशवती से टप्पेबाज गिरोह की तीन महिलाएं चार लाख रुपये कीमत के गहने उतरवा ले गईं। उनसे कहा कि पुलिस आ रही है, गहने देखेगी तो उतरवा लेगी, बचना है तो इन्हें सब्जी के थैले में रख लो।
उनकी बातों में आकर प्रकाशवती ने ऐसा ही किया। इसके बाद एक टप्पेबाज ने कहा कि थैले में वजन ज्यादा हो गया है, लाओ मैं पकड़ लूं। थोड़ा सा आगे चलते ही एक मिनट बाद थैला वापस कर दिया लेकिन शातिर ने इसी बीच इतनी सफाई से गहने निकाल लिए कि प्रकाशवती को इसका अहसास तक नहीं हुआ। बाकी दो टप्पेबाज उन्हें बातों में उलझाए रहीं। उन्होंने घर जाकर देखा तो थैले में गहने नहीं थे। तब जाकर उन्हें पता चला कि वे टप्पेबाजी की शिकार हो गई हैं।
गोविंदपुरम में ही रहने वाली प्रकाशवती ने बताया कि रविवार की शाम वह घर के पास से ही सब्जी लेकर लौट रही थीं। उनकी आंखों में धूल झोंककर टप्पेबाज उनसे कानों के दोनों टाॅप्स, दो चूड़ियां और तीन अंगूठियां उतरवा ले गईं। टप्पेबाजों ने उन्हें यह कहकर डराया था कि थैला घर जाकर ही खोलना। बीच में खोला तो पुलिस उतरवा लेगी। उनका कहना है कि वह जानती हैं कि पुलिस ऐसा नहीं करती, लेकिन टप्पेबाज महिलाओं ने इस अंदाज में डराया कि वे न चाहते हुए भी उनकी बातों पर यकीन कर बैठीं और गहनों से हाथ धो बैठीं।
ये देखो… थैले में आठ लाख रुपये हैं
प्रकाशवती ने बताया कि टप्पेबाज महिलाओं ने उन्हें सबसे पहले एक थैला खोलकर दिखाया। उसमें कुछ नोट रखे थे। टप्पेबाजों ने कहा, ये आठ लाख रुपये हैं। पुलिस पीछे पड़ी है। अगर पुलिस ने पकड़ लिया तो पूरी रकम ले जाएगी। अगर पुलिस नहीं आई तो वे तीनों आठ लाख रुपये आपस में बांट लेंगी। इसके बाद कहा कि पुलिस बहुत सख्ती कर रही है। गहने भी नहीं छोड़ रही। अगर गहने बचाने हैं तो इन्हें थैले में रख लो, जैसे हमने नोट रखे हैं। इसी से वह उनकी बातों में आ गईं। प्रकाशवती की बेटी काजल का कहना है कि टप्पेबाजों ने मां को कुछ सुंघा दिया था। वह बेसुध लग रहीं थीं।
थैले में रखवाते हैं गहने, निशाने पर हैं महिलाएं
इस साल टप्पेबाजी की 20 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें 15 से ज्यादा में महिलाएं शिकार बनी हैं। इन वारदात में तरीका लगभग एक जैसा रहा है। टप्पेबाजों ने भी पुलिस चेकिंग का डर दिखाया तो कभी लुटेरों का, लेकिन हर बार गहने थैले में ही रखवाए। कभी कागज का थैला तो कभी कपडे़ का। गहने रखवाने के बाद या तो धोखे से थैला बदल देते हैं या फिर गहने निकाल लेते हैं। टप्पेबाजों के कई गिरोह शहर में सक्रिय हैं। एक गिरोह में सिर्फ महिलाएं हैं। एक में महिला और पुरुष दोनों हैं। एक गिरोह ऐसा है जो पुलिस की वर्दी में घूमता है।
जल्द होगा खुलासा
एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि टप्पेबाजी की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। टप्पेबाजों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
बाज नहीं आ रहे टप्पेबाज
27 जुलाई : कोतवाली नगर क्षेत्र में पुनीता शर्मा से टप्पेबाजों ने एलआइसी बिल्डिंग के पास रास्ते पूछने के बहाने बातों में उलझाकर दो अंगूठी, कान के कुंडल, मंगलसूत्र उतरवा लिए और फरार हो गए।
5 मई : स्कूल जा रही है महिला को रास्ते में रोककर लूट कर डर दिखाया और गहने उतरवा लिए। गहने लेकर टप्पेबाज फरार हो गए।
29 अप्रैल : आर्यनगर रोड पर बुजुर्ग दंपती को लूट का डर दिखाया और दो लाख से अधिक के गहने थैले में रखवा लिए। इसके बाद फरार हो गए।
1 अप्रैल : सिद्धार्थ विहार की सोसायटी में रहने वाली मेनका से टप्पेबाजों ने लुटेरों का डर दिखाकर गहने थैले में रखवाए और धोखे से थैला बदल दिया। गहने लेकर रफूचक्कर हो गऐ.