भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि 18 सितंबर को लखनऊ में होने वाली महापंचायत किसानों का भविष्य तय करेगी। वर्तमान में प्रदेश के किसान दुखी है। उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक संख्या में पंचायत में शामिल होने का आह्वान किया।
मुजफ्फरनगर में कस्बे की पट्टी चौधरान स्थित घेर में आयोजित पंचायत में टिकैत ने कहा कि लखनऊ की पंचायत में शामिल होने वाले जनसमूह के आधार पर ही सरकार गन्ने का भाव तय करेगी। गन्ने का नया पेराई सत्र शुरू होने वाला है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति गन्ने पर चलती है।
उन्होंने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर लंबे समय तक धरना दिया गया। सरकार ने कुछ लोगों पर हाथ रखकर नया संगठन बनवाया, कुछ लोग बहकावे में आकर चले गए थे। अब वही लोग संगठन में वापसी करने के इच्छुक हैं। राजनीतिक पार्टी, संगठन अनुशासन के दम पर आगे बढ़ते हैं, हुड़दंग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संगठन पर लोगों का विश्वास है।
सरकार पर लगाया दंगे कराने का आरोप
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि पिछली सरकारों में किसानों का सम्मान था। गन्ने के रेट भी बढ़ाए गए थे। ऋण माफ किए थे। पंजाब में किसानों को फ्री बिजली दी जा रही है। गन्ने का भाव भी उत्तर प्रदेश से अधिक है। हरियाणा के नूंह के अलावा खुब्बापुर का जिक्र करते हुए तंज कसा कि सरकार दंगे कराना चाहती है, छोटे-मोटे विवादों में फैसले पर ध्यान दो। संगठन मजबूत करने की जरूरत है।
सिसौली में सरकार ने नहीं लगाई नौ किलो रोड़ी
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि साढ़े नौ साल से केंद्र में सरकार चल रही है, सिसौली में सड़के बदहाल है। नौ किलो रोड़ी भी नहीं डाली गई। पांच साल सत्ता पक्ष का विधायक रहा, सिसौली की अनदेखी की गई। नेशनल हाईवे बनाने के नाम पर किसानों की जमीन कोड़ियों के भाव खरीदी जा रही है। ट्यूबवेल का बिजली बिल 100 रुपये प्रति घंटा करने की तैयारी हो रही है। सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है।
भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा, कालूराम, पवन खटाना, नवीन राठी, मास्टर ओमपाल सिंह, धीरज लाटियान, कृष्ण त्यागी, राजेंद्र सैनी, अजय खाटीयान, रविंद्र राणा, कलिंदर मलिक, अभिजीत, अरविंद, कपिल खाटियान, ठाकुर सत्येंद्र ,मान सिंह मौजूद रहे। संचालन राष्ट्रीय महासचिव ओमपाल मलिक ने किया।