घोसी की हार के बाद पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी भी महसूस कर रहे हैं कि दलबदलुओं को आंख मूंदकर तरजीह देने की बजाय पार्टी को अपने पुराने कार्यकर्ताओं पर भरोसा करने के साथ ही प्रत्याशी चयन में जमीनी हकीकत पर भी गौर करना होगा। हर कीमत पर जीत के लिए तथाकथित जिताऊ उम्मीदवार का दांव उलटा भी पड़ सकता हैघोसी विधानसभा उपचुनाव का परिणाम भाजपा के लिए नसीहत है। हर कीमत पर जीत के लिए तथाकथित जिताऊ उम्मीदवार का दांव उलटा भी पड़ सकता है। खासतौर पर तब जब इसमें अवसरवाद की स्पष्ट छाप हो। यह घोसी के नतीजे ने दिखाया है।

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