ज्ञानवापी में सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को चार सप्ताह का अतिरिक्त समय मिल गया है। अब छह अक्तूबर 2023 तक सर्वे करके रिपोर्ट अदालत में दाखिल करनी है। एएसआई ने सर्वे की समय सीमा आठ सप्ताह आगे बढ़ाने की अर्जी दी थी, लेकिन जिला जज की अदालत ने चार सप्ताह ही आगे बढ़ाई है।
सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के सर्वे व उसकी रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की अर्जी पर शुक्रवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सुनवाई की। साथ ही अदालत ने कहा कि दिए गए अतिरिक्त समय के भीतर एएसआई सर्वे का काम पूरा करने का यथासंभव प्रयास करे और छह अक्तूबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करे। इस न्यायालय, इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र और अंडरटेकिंग का कड़ाई से अनुपालन किया जाए।
सर्वे का काम जल्दबाजी में पूरा नहीं किया जा सकता
जिला जज की अदालत ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मैं, एएसआई के अधिवक्ता से सहमत हूं कि सर्वे का काम जल्दबाजी में पूरा नहीं किया जा सकता है। वैज्ञानिक जांच, सर्वे और फोटोग्राफ इत्यादि तैयार करने के काम में समय लगता है। एएसआई को यह भी सुनिश्चित करना है कि प्रश्नगत आकृतियों और ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। इसलिए प्रकरण की समस्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एएसआई का प्रार्थना पत्र आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है और उन्हें चार सप्ताह का अतिरिक्त समय प्रदान किया जाता है।
समयसीमा बढ़ाने का अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से विरोध किया गया था। आपत्ति दाखिल करके अलग-अलग तर्क भी दिए थे, लेकिन अदालत ने एएसआई की अर्जी को स्वीकार कर ली।
तीन अधिवक्ताओं ने रखा मसाजिद कमेटी का पक्ष
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से मुमताज अहमद, एखलाक अहमद और रईस अहमद ने सिलसिलेवार हिंदू पक्ष के आवेदन पत्रों के विरोध में पक्ष रखा।एएसआई की ओर से भारत सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव व उनके सहयोगी शंभू शरण सिंह, राज्य सरकार की तरफ से विशेष अधिवक्ता राजेश मिश्र और पुलिस-प्रशासन की तरफ से डीजीसी सिविल महेंद्र पांडेय सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहे
ये है पूरा मामला
जिला जज की अदालत के आदेश से ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर अन्य हिस्से का सर्वे एएसआई ने बीते 24 जुलाई को शुरू किया था। सर्वे शुरू होने के पांच घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से काम पर रोक लग गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से चार अगस्त को दोबारा सर्वे शुरू हुआ।
पांच अगस्त को जिला जज की अदालत ने आदेश दिया कि एएसआई सर्वे रिपोर्ट दो सितंबर तक पेश करे। दो सितंबर को अदालत में एएसआई की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया कि सर्वे के लिए आठ हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया जाए। एएसआई के प्रार्थना पत्र चार सितंबर को अदालत ने सुनवाई के लिए शुक्रवार की तिथि नियत की।