पीलीभीत स्थित पूरनपुर नगर पालिका सदस्य आसिम रजा उर्फ बबलू की पुत्री कशिश (20) और मुन्नी (18) ने घर में कलह से क्षुब्ध होकर विषैला पदार्थ खा लिया। दोनों सगी बहनों को गंभीर हालत में सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। बहनों की मौत पर परिवार में कोहराम मच गया। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। कशिश ने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। जबकि मुन्नी इंटर की पढ़ाई कर रही थी।
घटना रविवार की है। मोहल्ला गनेशगंज पूर्वी निवासी नगर पालिका सदस्य आसिम रजा उर्फ बबलू के बड़े भाई आरिफ की करीब डेढ़ दशक पहले मौत हो गई थी। पत्नी सिम्मी को शक था कि बबलू अपने भतीजों की चोरी छिपे मदद करते हैं। इसको लेकर पति-पत्नी में अक्सर विवाद होता रहता था। दोनों बड़ी बेटियां भी माता-पिता के झगड़े को लेकर दुखी रहती थी।
रविवार को भी बबलू और उनकी पत्नी में विवाद हुआ। इससे क्षुब्ध होकर कशिश और मुन्नी ने विषैला पदार्थ खा लिया। गंभीर हालत में सीएचसी लाई गई दोनों बहनें इतनी गुस्से में थीं कि इलाज का भी विरोध करती रहीं। वह खुद को ड्रिप तक नहीं लगने दे रही थीं।
प्राथमिक उपचार के बाद दोनों बहनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल पहुंचकर दोनों बहनों की मौत हो गई। इसकी सूचना पर उनके परिजन में कोहराम मच गया। बबलू के घर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों की भीड़ लग गई। बबलू के चार पुत्रियों थी। इनमें अब दो जैनब (7) और जन्नत (3) बची है।
मेधावी पुत्रियों को कोटा भेजने का अरमान रह गया अधूरा
आसिम रजा की दोनों पुत्रियां पढ़ने में ठीक थीं। दोनों में अच्छे नंबर लाने की होड़ रहती थी। आसिम रजा ने बताया कि दोनों पुत्रियों के मेधावी होने के चलते उनको पढ़ाई के लिए कोटा भेजने की सोच रहे थे। मगर हादसा ने तो उनके अरमानों पर पानी फेर दिया।
पोस्टमार्टम को लेकर शाम तक चलती रही जद्दोजहद
दोनों बेटियों की मौत के बाद आसिम रजा व उनका परिवार पूरी तरह से टूट गया। बेटियों की मौत के बाद परिवार वाले शवों का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते। पुलिस शवों का पोस्टमार्टम कराना चाह रही थी। देर शाम तक इसको लेकर परिजन की पुलिस अधिकारियों से बातचीत चल रही थी।