उत्तर प्रदेश के आगरा में धोखाधड़ी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां बिल्डर ने दंपती को थ्री बीएचके फ्लैट की रजिस्ट्री 23 लाख रुपये में कर दी, लेकिन कब्जा नहीं दिया गया। जब दंपती ने अपना फ्लैट देखा तो मौके पर ऐसा कोई फ्लैट अस्तित्व में ही नहीं था। इस मामले में 9 साल बाद बिल्डर सहित तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और षड्यंत्र की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
दयालबाग निवासी सौरभ अग्रवाल ने हरीपर्वत थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस को बताया कि मार्च 2014 में उन्होंने व पत्नी सारिका ने एक थ्री बीचएके फ्लैट खरीदने के लिए बिल्डर से संपर्क किया। उन्होंने रक्षा विहार में कुछ फ्लैट्स दिखाए। तीन बेडरूम फ्लैट पसंद किया। 20 मार्च 2014 में हम फ्लैट की रजिस्ट्री आदि कार्रवाई के लिए संजय प्लेस स्थित बिल्डर के ऑफिस पहुंचे।
निदेशकों ने अपने मैनेजर को रजिस्ट्रार कार्यालय भेजा, जहां पत्नी के नाम रजिस्ट्री हो गई। कुछ समय बाद पता चला कि जिस फ्लैट की रजिस्ट्री की गई है, वह अस्तित्व में ही नहीं है। बिल्डर ने धोखाधड़ी से बिना निर्मित फ्लैट की रजिस्ट्री करवाई जबकि निर्मित फ्लैट दिखाया था। दबाव बनाने पर बिल्डर ने किस्तों में छह माह के भीतर भुगतान करने का वादा किया। उसे भी पूरा नहीं किया। इंस्पेक्टर हरीपर्वत अरविंद कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।