भाजपा नेता अनुज चौधरी के पिता ने इकलौते पुत्र के हत्यारों का एनकाउंटर किए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है। अनुज चौधरी की हत्या को तीन दिन बीत चुके हैं लेकिन अनुज के पिता पीतम सिंह सो नहीं पाए हैं। अनुज के बुखारीपुर गांव स्थित आवास पर रिश्तेदार व परिचित सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।

मुरादाबाद के पार्श्वनाथ प्रतिभा सोसायटी में बृहस्पतिवार की शाम छह बजे बाइक सवार तीन बदमाशों ने अनुज चौधरी को सोसायटी में टहलते समय गोली मारकर हत्या कर दी थी। अनुज चौधरी के पिता पीतम सिंह व माता रजनी का रो रोकर बुरा हाल है। पिता पीतम सिंह ने बताया कि अनुज धार्मिक आस्था में विश्वास रखता था।

सप्ताह के चार दिन सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार व शनिवार को व्रत रखता था। बंदरों को प्रत्येक दिन प्रसाद खिलाया करता था। उसकी गाड़ी को देखकर बंदर गाड़ी को ओर दौड़कर घेर लेते थे। पीतम सिंह का कहना है कि मेरे आंखों के सामने अनुज की तस्वीर घूमती रहती है। तीन रातें बीत जाने के बाद भी नींद नहीं आ रही है।

मेरे इकलौते पुत्र की हत्या करके बदमाशों ने मेरे वंश का नाश कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विश्वास है कि हत्या के दोषियों के विरुद्ध प्रशासन कठोर कार्रवाई करेगा, लेकिन मेरे कान बदमाशों के एनकाउंटर होने की खबर सुनने को तरस रहे हैं।

हत्या होने से दो मिनट पूर्व बहन व भांजे से की थी वीडियो काल पर बात

ढबारसी। भाजपा नेता अनुज चौधरी अपनी छोटी बहन व भांजे से अत्यधिक प्रेम करते था। सोसायटी में टहलते समय बदमाशों द्वारा हत्या किए जाने से दो मिनट पूर्व बहन व भांजे से वीडियो काल पर बात कर हाल चाल लिया था।  

अनुज चौधरी ने अपनी छोटी बहन शिविका के मोबाइल नंबर वीडियो काल करके माता पिता का हाल चाल लिया था क्योंकि बहन शिविका उस समय बुखारीपुर पर आई हुई थी। अनुज चौधरी तीन वर्षीय भांजे रुद्रांश से बहुत प्यार करते थे। हत्या होने समय से दो मिनट पूर्व 5 बजकर 58 मिनट तक बहन शिविका से वीडियो काल पर बात की थी।

पैतृक गांव में गुरुद्वारा निर्माण कराना चाहते थे अनुज

अनुज चौधरी ने अपने पैतृक गांव नेकपुर में गुरुद्वारा का निर्माण कराना चाहते थे। इसके लिए लगभग पांच बीघा जमीन का सौदा तय कर लिया था। उक्त भूमि का 14 अगस्त बैनामा होना था। अनुज चौधरी के साथी पप्पू ने बताया कि उनकी पैतृक गांव में गुरुद्वारा निर्माण करवाने की योजना थी। जिसके लिए जमीन का सौदा भी तय कर लिया था। 14 अगस्त को उक्त भूमि का बैनामा कराने की तारीख निश्चित की गई थी, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *