अयोध्या से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। यहां स्वदेश दर्शन योजना के तहत हुए विकास कार्यों में 20 करोड़ का घोटाला सामने आया है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। रामनगरी के गुप्तारघाट के आस-पास हुए काम में ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने की बात सामने आ रही है। कैग की इस रिपोर्ट से प्रशासनिक हलचल बढ़ गई है।

कैग ने जनवरी 2015 से मार्च 2022 के बीच स्वदेश दर्शन योजना का ऑडिट किया था, जिसकी रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की गई और कहा गया कि छह राज्यों की छह परियोजनाओं में ठेकेदारों को 19.73 करोड रुपये का गलत तरीके से लाभ दिया गया। अयोध्या स्वदेश दर्शन योजना के तहत रामायण सर्किट का हिस्सा है। इसके लिए 27 सितंबर 2017 को 127 करोड़ 21 लाख का बजट मंजूर हुआ था। इसमें से 115 करोड़ रुपये अभी तक जारी किए जा चुके हैं।

अयोध्या में परियोजना संबंधित अनुचित लाभों पर कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि काम कराने वाली एजेंसी यानी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के ठेकेदार को अनुबंध मूल्य 62.17 करोड़ रुपये के पांच प्रतिशत की दर पर प्रदर्शन गारंटी जमा करनी थी, जो करीब 3.11 करोड़ होती है। लेकिन ठेकेदार ने केवल 1.86 करोड़ रुपये जमा किए। यही नहीं योजनाओं की मॉनीटरिंग पर भी सवाल खड़े किए गए जिससे प्रशासनिक लापरवाही साफ उजागर होती है।

सभी सवालों का दिया जा रहा है जवाब

गुप्तारघाट के पास कराए विकास कार्यों में ऑडिट टीम की तरफ से उठाई गई सभी आपत्तियों का बिंदुवार जवाब दे दिया गया है। जीएसटी के कटौती के लिए ऑडिट टीम ने 57.73 लाख रुपये के अनियमित भुगतान पर रिकवरी की बात कही थी। हम लोगों ने उसके स्थान पर करीब 65 लाख की रिकवरी कर ली है। इसके अलावा कैग की तरफ से पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया जा रहा है। 

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