माफिया मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियों की डील उसकी पत्नी अफशा अंसारी के जरिए होती थी। अफशा अंसारी अपनी कंपनी विकास कंस्ट्रक्शन और अपने पिता जमशेद राणा की कंपनी आगाज कंस्ट्रक्शन से मिलने वाली रकम को गाजीपुर निवासी गणेश दत्त मिश्रा को बेनामी संपत्तियां खरीदने के लिए देती थी। मुख्तार की बेनामी संपत्तियों की जांच कर रहे आयकर विभाग की पड़ताल में पता चला है कि अधिकतर संपत्तियों को मुख्तार का खौफ दिखाकर बेहद कम कीमत में खरीदा गया था।
आयकर विभाग बीते कई महीनों से मुख्तार की बेनामी संपत्तियों की जांच कर रहा है। जांच में सामने आया है कि गाजीपुर समेत कई जिलों में मुख्तार के नाम से 23 बेनामी संपत्तियां खरीदी गई थी, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 125 करोड़ रुपये है। आयकर विभाग इनमें से बीस करोड़ रुपये कीमत की चार संपत्तियों को बेनामी एक्ट के तहत जब्त कर चुका है, जबकि अगस्त माह में आधा दर्जन से अधिक अन्य संपत्तियों को जब्त करने की कवायद की जा रही है। इस मामले में आयकर विभाग ने अफशा अंसारी को भी पेश होने के लिए नोटिस दिया है, हालांकि वह बीते कई महीनों से फरार है। उसके खिलाफ ईडी लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर चुकी है। वहीं यूपी पुलिस ने भी अफशा की गिरफ्तारी पर इनाम घोषित किया है।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी से आयकर विभाग ने बेनामी संपत्तियों के बारे में गहन पूछताछ की थी। आयकर विभाग की जांच इकाई की पांच सदस्यीय टीम ने अदालत के आदेश के बाद बांदा जेल जाकर मुख्तार से करीब छह घंटे तक सवाल किए। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान मुख्तार ने सही जवाब नहीं दिए और अधिकारियों को गुमराह करता रहा। फिलहाल उसका बयान दर्ज कर लिया है, जिसके आधार पर आगे कार्यवाही की जाएगी।
बताते चलें कि आयकर विभाग की बेनामी यूनिट मुख्तार की करीब 125 करोड़ कीमत की 23 बेनामी संपत्तियों की जांच कर रही है। हाल ही में मुख्तार की गाजीपुर स्थित करीब 20 करोड़ रुपये की संपत्तियों को बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत जब्त भी किया है। ये संपत्तियां मुख्तार के करीबी गणेश दत्त मिश्रा के नाम से खरीदी गई थी। जब आयकर विभाग ने गणेश दत्त मिश्रा को पूछताछ के लिए नोटिस दिया तो वह आनाकानी करने लगा। आयकर विभाग ने गाजीपुर पुलिस से उसे हिरासत में लेकर पेश करने को कहा था। विगत 20 जून को उसे पकड़कर आयकर विभाग के सुपुर्द कर दिया गया, जिसके बाद उससे दो दिन तक पूछताछ की गई। तत्पश्चात आयकर विभाग ने मुख्तार से पूछताछ करने की अदालत से अनुमति मांगी, जबकि अफशा को गाजीपुर और लखनऊ के पते पर नोटिस देकर पेश होने को कहा गया था।