राज्य सरकार ने पूर्व मंत्री आजम खां की वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने का अपना फैसला 24 घंटे में वापस ले लिया है। अब उनकी सुरक्षा यथावत रहेगी। इस संबंध में रामपुर पुलिस को आवश्यक निर्देश दिए गये हैं। आजम की वाई श्रेणी की सुरक्षा पर अब आगामी 18 जुलाई को राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।

दरअसल तीन माह पूर्व जब सुरक्षा समिति ने इस बाबत निर्णय लिया था, तब आजम खां जेल में थे। जमानत पर बाहर आने के बाद बृहस्पतिवार को अचानक उनकी सुरक्षा हटाने से हड़कंप मच गया था। इसके अलावा भाजपा नेत्री अपर्णा यादव की वाई श्रेणी की सुरक्षा में से एस्कॉर्ट सुरक्षा हटा ली गई है। वहीं नोएडा निवासी भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद बलबीर पुंज की एक्स श्रेणी की सुरक्षा को कोई औचित्य नहीं पाए जाने पर उसे वापस ले लिया गया है।

इसके अलावा पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के भाई मुकुल उपाध्याय की वाई श्रेणी की सुरक्षा को भी हटा लिया गया है। उनको छह माह तक केवल एक गनर दिया जाएगा। उनकी सुरक्षा हाईकोर्ट के आदेश पर वापस ली गई है। मुकुल उपाध्याय को 7 नवंबर 2019 को राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति के आदेश पर वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। हाथरस निवासी हनुमान प्रसाद पोद्दार ने उनकी सुरक्षा हटाने को लेकर हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने सुरक्षा हटाने को लेकर दो माह पहले राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति के सामने अपील करने का आदेश दिया था। लेकिन, वह बरकरार रही। 

अदालत के आदेश की अवमानना का वाद दायर होने पर सुरक्षा हटाने का निर्णय लिया गया है। हनुमान प्रसाद पोद्दार का आरोप है कि बसपा सरकार में रामवीर उपाध्याय और उनके भाई ने डरा-धमकाकर हाथरस में अलीगढ़ हाईवे पर स्थित उनकी 52 बीघा भूमि को 15 लाख रुपये में अपने नाम करा लिया था। उनकी भूमि की वास्तविक कीमत 15 करोड़ रुपये से अधिक थी। इस बीच उनके भाई की हत्या भी करा दी गई थी। उनके भय से हनुमान प्रसाद पोद्दार को हाथरस भी छोड़ना पड़ा था।

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