बाराबंकी–नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन(एन एम ओ) की शाखा बाराबंकी का स्थापना दिवस समारोह आज रविवार को जिला कोऑपरेटिव बैंक, बाराबंकी के सभागार में धूमधाम से संपन्न हुआ। ।कार्यक्रम का शुभारंभ ओम के उच्चारण के साथ किया गया। मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्सा अधिकारी बाराबंकी डॉ अवधेश यादव, विशिष्ट अतिथि किंग जार्ज मेडिकल कालेज लखनऊ के पूर्व उपकुलपति तथा एनएमओ के राष्ट्रीय बौद्धिक प्रमुख डा एम एल बी भट्ट, एन एम ओ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विजय कुमार तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उ.प्र के सह सम्पर्क प्रमुख श्रीमान मनोज जी द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया तथा सभी अतिथियों ने भारत माता तथा स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। एन एम ओ शाखा बाराबंकी की नवगठित कार्यकारिणी की घोषणा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक डॉ राकेश शंकर गुप्ता जी द्वारा किया गया जिसमें में डॉ रोहित अग्रवाल को जिलाअध्यक्ष, डॉ रोहित प्रसाद को जिला सचिव, डा रंजय गुप्ता को सहसचिव, डा पंकज जायसवाल तथा डा आशीष रस्तोगी को उपाध्यक्ष, डा एन के गुप्ता तथा डा आरती यादव को संगठन सचिव, डा रुचि टंडन को कोषाध्यक्ष तथा डॉ आयुष्मान सिंह को सह कोषाध्यक्ष घोषित किया गया। डा शरद टण्डन, डा रवि आहूजा, डा विनय जैन, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बाराबंकी डा डी के श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय बाराबंकी डा बृजेश कुमार तथा जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ सर्जन डा डी सी पाण्डेय को संगठन का संरक्षक घोषित किया गया। सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को डॉक्टर एमएलबी भट्ट द्वारा माल्यार्पण कर के अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सकों को संबोधित करते हुए प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ भूपेन्द्र सिंह ने बताया की एनएमओ का मुख्य उद्देश पीड़ित मानवता की सेवा करना तथा दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित मरीजों की चिकित्सा कैंप के द्वारा इलाज करना मुख्य है। समय-समय पर विभिन्न आपदाओं में भी एनएमओ के कार्यकर्ताओं द्वारा पीड़ितों की सेवा की जाती है। लखनऊ मेडिकल कॉलेज के पूर्व कुलपति डॉ एमएलबी भट्ट द्वारा बताया गया कि चिकित्सकों द्वारा ली गई चरक शपथ को सामाजिक रुप से लागू करना संगठन का मुख्य उद्देश्य है। जिला संघचालक डा आर एस गुप्ता जी ने वर्तमान चिकित्सा पद्धति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जिस वक्त चरक ने भारतीय चिकित्सा पद्धति की स्थापना की थी उस समय हिपोक्रेट्स का जन्म भी नहीं हुआ था।चरक संहिता चिकित्सकों एवं चिकित्सा विद्यार्थियों दोनों के लिए उपयुक्त है जबकि हिपोक्रेटिस ओथ का सम्बन्ध केवल चिकित्सकों से है। संघ के क्षेत्रीय सम्पर्क प्रमुख तथा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मनोज जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि चिकित्सक ईश्वर का दूसरा रूप होते हैं। कोविड संक्रमण काल में चिकित्सकों ने अपनी तथा अपने परिजनों की चिन्ता न करके जिस तरह से मरीजों की सेवा की वह सदैव अविस्मरणीय रहेगा। कई चिकित्सकों को अपनी जान भी गंवानी पडी।कार्यक्रम को प्रदेश अध्यक्ष डॉ विजय कुमार, डा राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट लखनऊ शाखा के अध्यक्ष डा संजय भट्ट, डा डी सी पाण्डेय, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बाराबंकी डा डी के श्रीवास्तव तथा अन्य चिकित्सों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रान्त संगठन मंत्री आर पी सिंह विसेन ने किया। कार्यक्रम के समापन पर नवनियुक्त जिला अध्यक्ष डॉ रोहित अग्रवाल ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया तथा कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ , डॉ रवि आहूजा, डॉ वीके जैन, डॉक्टर वी बी पाठक, डॉ अम्बरीश द्विवेदी, , डा शरद टंडन, डा विनय जैन, डा राजेन्द्र सिंह, डा अनिल जैन, डा कमल कुमार सिंह, डा विवेक वर्मा, डा अतुल वर्मा, डा संजीव आहूजा, डा अनुपमा टिबडेवाल,डा राजेश श्रीवास्तव, डा संजीव मोहन, डा योगेश वर्मा,डा गगन छाबड़ा, डा पारुल अग्रवाल, डा कल्याण सिंह, डा यशपाल जायसवाल, मुनेश चन्द्र, जितेन्द्र शर्मा, अजय सिंह, बृजेश वैश्य तथा देवी शरण गुप्ता सहित काफी संख्या में चिकित्सक एवं चिकित्सा विद्यार्थी उपस्थित रहे।