इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला जज के पूर्व में दिए गए आदेश को पलटते हुए निर्देश जारी किया है। बताया गया है कि इससे पहले वाराणसी के जिला जज ने हिंदू पक्ष की ओर से दायर कार्बन डेटिंग की अर्जी को खारिज कर दिया था.

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा की बेंच ने यह आदेश दिया है. उन्होंने यह फैसला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से पेश रिपोर्ट के बाद दिया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यह सर्वे बिना ढांचे (कथित शिवलिंग) को नुकसान पहुंचाए किया जाना चाहिए.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की गई थी. बताया गया है कि इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी, जिसे कोर्ट ने माना था. अब इस सर्वे से पता चलेगा कि परिसर में मौजूद ढांचा दावे के मुताबिक शिवलिंग है या कुछ और.

बता दें कि इससे पहले 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को वजू के लिए कुछ व्यवस्था करने का निर्देश दिया था. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि आने वाले दिनों में जिलाधिकारी बैठक कर उचित निर्णय लेंगे.

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