जिले में विख्यात है शक्तिपीठ गुरसेल माता का मंदिर। भक्तो की मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु काफी संख्या में पहुंचते हैं भक्त। बाराबंकी– जिले में फतेहपुर तहसील में गुरसेल माता का शक्तिपीठ स्थल स्थित है गुरसेल माता का मंदिर फतेहपुर मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर है वही गोंडा बहराइच सड़क मार्ग रामनगर से करीब 18 से 20 किलोमीटर दूर पड़ता है लेकिन जिले में गुरसेल माता का मंदिर जो शक्तिपीठ है कि काफी मान्यता है दूरदराज से भक्त गण माता के मंदिर में पहुंचते हैं और माता की पूजा आराधना करते हैं नवरात्रि के दिनों में गुरसेल माता के मंदिर में काफी भीड़ होती है मंदिर के परिसर में काफी दूर तक काफी दुकानें लगी हुई है कई दुकानें तो वहां पर प्रसाद की लगी हुई है और कई दुकाने बिंदी चूड़ी आदि वस्तुओं की लगी हुई है भक्त माता के दरबार में पहुंचकर माता को श्रृंगार अर्पित करने के लिए भी खरीदारी करते हैं ऐसी मान्यता है कि माताजी के दरबार में हाजिरी लगाने से भक्तों की जो मान्यता होती है जो मनोकामना होती है उसकी पूर्ति अवश्य होती है नवरात्रि के दिनों में सारा दिन मां के दरबार में काफी भीड़ रहती है माता का शक्तिपीठ कई ऐतिहासिक कहानियों को संजोए हुए है माताजी का मंदिर जिले का विख्यात तीर्थ स्थल है माता जी की जो मूर्ति विद्यमान है वह काफी आकर्षक है माता जी की मूर्ति देखते ही मन आनंदित होता है जैसे वात्सल्य की बरसात हो रही हो दूरदराज से आए हुए भक्त गण काफी उत्साहित नजर आते हैं और माता के दर्शन हेतु व्याकुल भी नजर आते हैं माता का मंदिर जिले में अपनी एक अलग ही छाप रखता है वैसे तो सप्ताह में एक बार प्रत्येक वर्ष मेला लगता है जिसमें काफी मात्रा में भीड़ होती है और दूरदराज से आए हुए भक्त जन माता जी की पूजा करते हैं आरती करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं बहुत से भक्तगण रामायण का पाठ भी माताजी के दरबार में करवाते हैं माताजी का मंदिर मनोकामना ओं की सिद्धि के लिए भी माना जाता है भक्तगण अपनी मनोकामनाओं की सिद्धि के लिए माताजी से अपनी अरदास लगाते हैं और माताजी भक्तों की मनोकामना की पूर्ति भी करती हैं ऐसा माना जाता है।