कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वाराणसी की कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए कोर्ट) उज्जवल उपाध्याय ने बुधवार को राहुल गांधी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए दाखिल परिवाद को खारिज दिया है।
कोर्ट ने कहा कि परिवाद के अवलोकन से यह नहीं लगता कि राहुल गांधी का कथित वक्तव्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की विधि विहित परिधि का अतिक्रमण करता हो। संज्ञेय अपराध भी नहीं लगता है, इसलिए परिवाद पत्र खारिज किया जाता है।
अदालत में वादी पक्ष की दलील
परिवाद सुनवाई योग्य है या नहीं के बिंदु पर सुनवाई के दौरान वादी शशांक शेखर त्रिपाठी की ओर से अधिवक्ता राजकुमार तिवारी, आनंद पाठक, अजय सिंह और चंद्रभान गिरी ने पक्ष रखा था। अधिवक्ताओं ने कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं।
उन्होंने इग्लैंड के कैंब्रिज स्थित जज बिजनेस स्कूल में देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ बयान दिया गया है। इस संबंध में अदालत को सुनवाई का अधिकार है। राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे धार्मिक सांस्कृतिक संगठन की तुलना आतंकवादी संगठन से की थी। इससे 10 करोड़ से ज्यादा स्वयंसेवक आहत हुए हैं।
अदालत ने क्या कहा
परिवादी पक्ष की दलील सुनने के बाद पत्रावली आदेश के लिए सुरक्षित रखी गई थी। बुधवार को आठ पेज के फैसले में परिवाद पत्र को खारिज किया गया।