प्रशासन ने जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के भवन को सील दिया है। भवन को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की सुपुर्दगी में दे दिया गया है। इस भवन में रामपुर पब्लिक स्कूल चलता था। जिसकी प्रधानाचार्य ने मौके पर पहुंचकर प्रशासन पर आरोप लगाया कि नोटिस की अवधि 18 मार्च तक थी। उससे पहले ही भवन को सील कर दिया गया है।
जौहर संस्थान की बिल्डिंग सपा शासन में मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को 100 रुपये के वार्षिक शुल्क पर 33 साल के लिए लीज पर दी गई थी। तय हुआ था कि लीज की अवधि 33-33 साल के लिए दो बार बढ़ाई जा सकती है। सपा नेता आजम खां ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष हैं। लीज के समय इस जमीन पर मौलाना मोहम्मद अली जौहर प्रशिक्षण व शोध संस्थान के संचालन की योजना बताई गई थी। कहा गया था कि संस्थान अरबी-फारसी की पढ़ाई के साथ शोध कार्य कराएगा। बाद में इस शर्त में बदलाव करते हुए उच्च शिक्षा के स्थान पर सभी विषयों में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा शब्द जुड़वा दिया गया था। इसके बाद शोध संस्थान के भवन में रामपुर पब्लिक स्कूल के नाम से विद्यालय का संचालन शुरू करा दिया गया था।
लखनऊ में 28 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में शर्तों के उल्लंघन के आधार पर लीज निरस्त कर दी गई। इसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे रीभा ने जौहर प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की जमीन और भवन पर सरकारी कब्जा लेने का आदेश किया था। इसके बाद डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने एडीएम (प्रशासन) लालता प्रसाद शाक्य की अध्यक्षता चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया था। कमेटी में एसडीएम सदर, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और सीओ सिटी को शामिल किया गया है। इस मामले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की ओर से जौहर ट्रस्ट को नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर बिल्डिंग को खाली करने का निर्देश दिया गया था। मंगलवार की शाम एडीएम (प्रशासन) लालता प्रसाद शाक्य और एसडीएम सदर निरंकार सिंह के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम ने बिल्डिंग को सील कर दिया। सुरक्षा की दृष्टि से यहां भारी संख्या में पुलिस मौजूद रही।
जौहर शोध संस्थान की बिल्डिंग को लेकर शासन स्तर से जो निर्देश प्राप्त हुए थे उसके मुताबिक कार्रवाई की गई है। इसको लेकर पहले नोटिस भी जारी किया गया था। रामपुर पब्लिक स्कूल के बच्चों की परीक्षा समाप्त हो चुकी है। बच्चे दूसरे स्कूल में दाखिला ले सकते हैं।