अलीगढ़ में अतरौली कोतवाली क्षेत्र के गांव नगला हर्जी में जमीन विवाद में पिता की हत्या करने वाले जगदीश और उसकी पत्नी खुशबू को पुलिस ने जेल भेज दिया। इनकी दस माह की बच्ची को भी मां के साथ जेल में रहना होगा। रिश्तेदारों ने भी बच्ची को अपनाने से इंकार कर दिया। शुक्रवार को शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने परिवारीजनों को सौंप दिया। 

नगला हर्जी निवासी डोरीलाल की हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है कि जगदीश अपनी बहनों से भी रंजिश मानता था। उसकी योजना उनकी भी हत्या करने की थी। डोरीलाल जगदीश के आचरण से खुश नहीं थे। वह अपनी पांच बेटियों को जमीन बेचकर पैसे देने लगे थे। इस बात पर जगदीश ने अपनी पत्नी खुशबू के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। शव उसने संदूक में इसलिए छिपाया था, ताकि वह अपनी बहनों को बुलाकर पिता का शव दिखाकर उन्हें डराकर उनकी भी हत्या कर सके। सीओ विशाल चौधरी ने बताया कि सुषमा ने पिता की हत्या में भाई जगदीश व भाभी खुशबू को नामजद किया था। दंपती को जेल भेज दिया गया है।

संगीत बजाकर दिया वारदात को अंजाम 
जगदीश को अपने पिता की हत्या की सनक इस कदर सवार थी कि उसने पिता की हत्या से पहले घर में साउंड सिस्टम पर गाने बजा रखे थे, ताकि जब वह पिता की हत्या करे तो उनकी चीख भी घर के बाहर न जा सके। डोरीलाल दो साल से बेटी सुषमा के पास गांव विधिपुर में रह रहे थे। 

मंगलवार को ही जगदीश पत्नी के साथ उन्हें बहला फुसलाकर बुलाकर लाया था। घर में रखी टंकी से पिसाई के लिए गेहूं निकालने के बहाने से जगदीश ने डोरीलाल को पास बुलाया और वहीं रस्सी से गला घोंटकर उन्हें मार डाला। घर में चल रहे साउंड सिस्टम के अचानक बंद हो जाने, सुबह से डोरीलाल का न देखा जाना, घर में अजीब सा सन्नाटा छाने व जगदीश का गायब होना, इन सवालों से ही पड़ोसियों को किसी अनहोनी का शक हुआ था। तब उन्होंने पुलिस को मामले की जानकारी दी और इस हत्याकांड का राजफाश हो सका।

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