तिकुनिया हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू को पैरोल जमानत मिलने के बाद गुरुवार को मामले के चार और आरोपी जमानत पर रिहा हो गए, जबकि चार आरोपियों की रिहाई शुक्रवार को हो सकती है। वहीं एडीजे प्रथम सुनील वर्मा की अदालत में शुक्रवार को केस की सुनवाई लगी है, जिसमें अभियोजन पक्ष ने अपनी तैयारी कर रखी है।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से आठ आरोपियों की पैरोल मंजूर हुई थी। इसके संबंध में एडीजे सुनील वर्मा ने तीन-तीन लाख रुपए के जमानत नामा पेश करने के आदेश दिए थे। गुरुवार को अंकित दास सहित पांच आरोपियों के जमानतनामा थाना और तहसील से सत्यापन होकर अदालत पहुंच गए, लेकिन नंदन सिंह बिष्ट के मामले में शस्त्र अधिनियम से संबंधित धाराओं की तकनीकी अड़चन के कारण उसकी रिहाई नहीं भेजी जा सकी।
सुमित जायसवाल के मामले में गुरुवार को जमानतदार के पुलिस सत्यापन रिपोर्ट न होने के कारण उसकी रिहाई अटक गई। वहीं मामले की अभियोजन कार्यवाही देख रहे जिला शासकीय अधिवक्ता अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि तीन अक्तूबर 2021 को चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे। एसआईटी ने जांच के बाद 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है, जिनमें अब तक 10 लोगों को जमानत मिल चुकी है।
ब्लॉक प्रमुख को नियमित जमानत मिली है तो शेष नौ आरोपियों को पैरोल जमानत प्राप्त है। शुक्रवार को इस मामले से संबंधित दूसरे गवाह को तलब किया गया है, अगर गवाह उपस्थित होता है तो उसके बयान दर्ज कराए जाएंगे। उन्होंने बताया वादी मुकदमा और मृतक के भाई जगजीत सिंह के बयान दर्ज कराए जा चुके हैं, जिन से जिरह भी पूरी हो चुकी है।
अंकित दास सहित चार को मिली रिहाई
गुरुवार को जमानत सत्यापन आख्या प्राप्त होने के बाद एडीजे सुनील वर्मा ने पांच आरोपियों की रिहाई भेज दी, जिसके बाद सवा सात बजे के करीब अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, सत्यम त्रिपाठी को रिहा किया गया, जबकि पांचवें आरोपी के रूप में नंदन सिंह बिष्ट की सत्यापन आख्या प्राप्त होने के बाद भी उसे आजादी नहीं मिल सकी। शस्त्र अधिनियम से संबंधित धाराओं की तकनीकी कमी के कारण नंदन सिंह बिष्ट के संबंध में शुक्रवार को उनके अधिवक्ता के द्वारा प्रार्थना पत्र पेश किया जाएगा।