अपनी ही नौ वर्षीय पुत्री से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अनुतोष कुमार शर्मा की अदालत ने लंका थाना क्षेत्र निवासी अभियुक्त को दोषी पाते हए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 51 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की धनराशि में से 80 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को दिए जाने का अदालत ने आदेश दिया है।

विशेष लोक अभियोजक मधुकर उपाध्याय  के अनुसार लंका थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला ने लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसे चार पुत्र व एक पुत्री है और वह लोगों के घरों में चौका-बर्तन करने का काम करती है। आरोप था कि उसका पति अभियुक्त उसके काम पर जाने के बाद उसकी पुत्री के साथ गलत काम करता था और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देता था। जब उसकी पुत्री ने उसे रोते-बिलखते अपनी आपबीती बताई तो उसने अपने पति से विरोध किया तो वह आगबबूला हो गया।

आरोप है कि इसके बाद उसका पति उसे व उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी देने लगा। इससे डरकर पीड़िता ने अपनी पुत्री को अपने मायके अपने मां-बाप के पास भेज दिया। पुलिस ने इस मामले की जनकारी होने पर मुकदमा दर्ज कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। साथ ही पीड़िता का मेडिकल मुआयना व अदालत में कलम बंद बयान दर्ज कराया था। अदालत ने विचारण के बाद अभियुक्त को दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुना दी।

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