सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को काशी विश्वनाथ- ज्ञानवापी मस्जिद परिसर क्षेत्र में मिले ‘शिवलिंग’ वाली जगह के संरक्षण को आगे बढ़ाने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ‘शिवलिंग’ को संरक्षित रखने का अंतरिम आदेश दिया था जिसकी समय सीमा 12 नवंबर को पूरी हो रही है। एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि 17 मई को ‘शिवलिंग’ संरक्षित रखने काअंतरिम आदेश दिया गया था जिसकी सीमा 12 नवंबर को खत्म हो जाएगी।

जैन ने यह भी बताया कि वाराणसी जिला अदालत ने पांच हिंदू महिलाओं द्वारा सूट के लिए मस्जिद समिति के विरोध को खारिज कर दिया था। उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित देवताओं की पूजा करने का अधिकार मांगा था। इसपर सीजेआई ने कहा कि उन्हें सुनवाई के लिए पीठ का गठन करना होगा और शुक्रवार दोपहर तीन बजे इस मामले पर सुनवाई होगी।

गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की बाहरी दीवार पर मां श्रृंगार गौरी स्थल पर पूजा करने के अधिकार की मांग करने वाली पांच हिंदू महिलाओं की याचिका पर वाराणसी की एक अदालत ने 8 अप्रैल को साइट का निरीक्षण करने के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था। मस्जिद समिति ने इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी जिसे 21 अप्रैल को अपील खारिज कर दिया गया था। इसके बाद समिति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

मई में इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट में कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि किसी स्थान के धार्मिक चरित्र का पता लगाना अधिनियम का उल्लंघन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में जिला मजिस्ट्रेट से उस जगह को सुरक्षित करने के लिए कहा था जहां शिवलिंग पाए जाने का दावा किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा था कि मुसलमानों को मस्जिद में नमाज अदा करने या उनके अधिकारों को बाधित किए बिना उस जगह को संरक्षित किया जाए जहां ‘शिवलिंग’ पाए जाने का दावा किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *