दिल्ली की किशोरी को हरदोई  के अतरौली में बंधक बनाकर देह व्यापार कराया जा रहा था। किसी तरह ट्वीटर के सहारे उसने गुहार लगाई तो मामला खुला। पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर चार को गिरफ्तार कर लिया है। किशोरी को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए भेजा है। तीन साल बाद चंगुल से निकली किशोरी राहत की सांस ले सकी।

किशोरी के मुताबिक वह उत्तम नगर से माता पिता और भाई के साथ दिल्ली में ही रहने वाली दादी को देखने गई थी। माता-पिता वहीं रुक गए और वह भाई के साथ बस से लौट रही थी। रास्ते में ढाबे पर बस रुकी तो उतरकर नाश्ता करने लगी पर चलते समय वह धोखे से दूसरी बस में चढ़ गई। उस बस में अमिता व सजनी मिले और उसे अतरौली के नटपुरवा ले आए।

यहां तारा व उर्मिला के हाथों उसे एक लाख रुपये में बेच दिया। उर्मिला, जितेन्द्र, सीतेश, मुन्ना, सोमिल,  पूनम बंधक बनाकर रखते। जबरन वैश्यावृत्ति कराते थे। जितेन्द्र, सीतेश, मुन्ना और सोमिल भी उसके साथ गलत काम करते थे। पुलिस ने जितेन्द्र, उर्मिला, सजनी और तारा को गिरफ्तार कर लिया है। 

वेश्यावृति की रकम से पोल्ट्री फार्म व मकान बनवाया

तीन साल से देह व्यापार में फंसी दिल्ली की किशोरी ने पुलिस को बताया कि वेश्यावृत्ति की रकम से उर्मिला ने मुर्गा फार्म और मकान तक बनवा लिया। इस बीच मौका पाकर उसने ट्विटर पर एसपी से मुक्त कराने की गुहार लगाई।

इंस्पेक्टर दीपक शुक्ला ने बताया कि ट्वीटर के माध्यम से मिली जानकारी पर सीओ हरियांवा शिल्पी कुमारी के साथ इंस्पेक्टर वहीद अहमद, कांस्टेबिल सोनू शर्मा, सचिन कुमार, महिला कांस्टेबल ममता सिंह, शशि सिंह और जीप चालक जय प्रकाश के साथ छापा मारकर किशोरी को बरामद कर लिया।

इसमें नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। पकड़े गए चारों लोगों को जेल भेज दिया गया है। अन्य की तलाश की जा रही है। किशोरी को उसके परिजनों तक पहुंचाया जाएगा।

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