यूपी के अंबेडकरनगर में एक नाबालिग छात्रा ने घर में ही दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। यह वही छात्रा है जिसने पखवारा भर पहले पुलिस के सामने हाजिर होकर बयान दिया था कि दो युवकों ने उसका अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया था। छात्रा ने पुलिस को अल्टीमेटम भी दिया था कि अगर इंसाफ नहीं मिला तो वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेगी।

बुधवार सुबह जैसे ही छात्रा के आत्महत्या की खबर मिली इलाकाई लोगों में आक्रोश फैल गया और लोगों ने आरोप लगाया कि यदि समय से पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करती तो शायद आज छात्रा जीवित होती। वहीं एसपी ने एसओ मालीपुर को लाइन हाजिर और मामले की विवेचना करने वाले दरोगा को निलंबित कर दिया है।

बीते 16 सितंबर को मालीपुर थाना क्षेत्र की एक नाबालिग छात्रा विद्यालय गई थी, जहां रहस्यमय परिस्थितियों में अचानक गायब हो गई। परिजनों ने काफी खोजबीन किया परंतु कहीं पता न लगने से आहत होकर परिजनों ने पुलिस को शिकायत पत्र देकर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के 2 दिन बाद छात्रा अपने घर वापस आ गई। 

परिजनों की सूचना पर पहुंची पुलिस  छात्रा को थाना ले गई। पुलिस ने छात्रा का बयान दर्ज कराकर उसका मेडिकल परीक्षण कराया। साथ ही कानूनी कार्रवाई किए जाने की पश्चात परिजनों को छात्रा सौंप दी गई। छात्रा ने दो युवकों द्वारा कार से अपहरण कर लखनऊ ले जाने और किसी होटल में सामूहिक दुष्कर्म करने की बात बतायी। 

इसके बावजूद भी पुलिस दुष्कर्म के आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से आज तक कतराती रही थी। छात्रा के पिता ने बताया कि उसकी बेटी ने सबकुछ पुलिस को बताया किंतु पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। उधर पुलिस की लापरवाही से नाराज ग्रामीण शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को न सौंपने पर अड़े हैं। मौके पर एसडीएम हरिशंकर लाल, सीओ जलालपुर देवेंद्र कुमार ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे हैं।

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