समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर एसी कमरों से राजनीति करने का हमेशा आरोप लगता रहा है। भाजपा और बसपा ही नहीं पिछले विधानसभा में समाजवादी पार्टी की सहयोगी रही सुभासपा ने भी यही आरोप लगाकर गठबंधन तोड़ लिया था। इन आरोपों का जवाब देने की अखिलेश यादव ने तैयारी कर ली है। अभी तक रथयात्रा और साइकिल यात्राएं करने वाले अखिलेश यादव अब पदयात्रा करेंगे। 

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यह पदयात्रा भले ही केवल ढाई से तीन किलोमीटर की होगी लेकिन इसका संदेश बड़ा देने की समाजवादी पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है। सपा मुखिया पहली बार पदयात्रा करने जा रहे हैं। यह पदयात्रा 19 तारीख को सपा मुख्यालय से विधानभवन तक होगी। विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की तरफ से इस तरह का प्रतीकात्मक अभियान शुरू होगा। 

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अभी तक सपा अध्यक्ष कई रथयात्राएं निकाल कर जनता के बीच जा चुके हैं। वह कई मौकों पर साइकिल यात्राएं निकालते रहे हैं। साइकिल उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह भी है। अखिलेश लखनऊ समेत कई जिलों में धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं।  पर अब उन्होंने पैदल मार्च का विकल्प चुना है। यह निर्णय तब हुआ जब सपा विधायकों को विधानभवन में धरना देने के अभियान को रोक दिया गया। 

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अब सपा इस नए अभियान के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेगी। माना जा रहा है भविष्य में अखिलेश यादव पैदल यात्रा जैसा कोई अभियान लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चलाएंगे। असल में सपा विरोधियों द्वारा अखिलेश यादव पर एसी कमरे से बाहर न निकलने का आरोप लगता रहा है। यह आरोप सुभासपा, बसपा व भाजपा तक लगाती रही है। इसे चुनावों के दौरान बयानबाजी से मुद्दा बनाया जाता रहा है। सपा के वरिष्ठ नेता बताते हैं कि इस तरह के अभियान के तहत सड़क पर आने व पैदल चलने से विरोधियों के हाथ से यह मुद्दा भी छिन जाएगा।

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