Gyanvapi Masjid case: ज्ञानवापी परिसर की तीन मजारों पर चादर चढ़ाने, फातिहा पढ़ने और उर्स की मांग को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सिविल जज फास्ट ट्रैक (सीनियर डिवीजन) महेंद्र नाथ पांडेय की अदालत में ये याचिका मुख्तार अहमद समेत 4 लोगों ने दाखिल की थी। याचिका में मुस्लिम पक्ष ने मांग रखी है कि उन्हें मजार पर चादर चढ़ाने, फातिहा पढ़ने और उर्स आयोजन समेत अन्य धार्मिक कार्यों की अनुमति दी जाए। इस मामले में अंजुमन इतेजामिया मसाजिद और जिला प्रशासन और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रतिवादी राज्य सरकार को पैरवी करने के लिए नोटिस भेजने की प्रकिया शुरू कराने के लिए कहा है। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तारीख तय कर दी है।
गौरतलब है कि इस मामले में लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी, कच्चीबाग निवासी अनीसुर रहमान सहित तीन अन्य लोगों ने अदालत में अर्जी डाली थी। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद में मौजूद तीन मजारों और एक अदृश्य मजार पर चादर चढ़ाने, फातिहा पढ़ने और उर्स आयोजन की अनुमति दी जाए। उन्होंने अर्जी में ये भी कहा था कि इस मामले में प्रतिवादी पक्ष के साथ ही राज्य सरकार, अंजुमन इन्तेजामिया मसाजिद कमेटी, वाराणसी डीएम और सिटी एसपी को आदेश दिया जाए कि वो उर्स जैसे कार्यक्रम को ना रोकें।
बताते चलें कि ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में 6 अक्टूबर से रोजाना सुनवाई होगी। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विश्व वैश्विक सनातन मंच की ओर से मई में केस दर्ज किया गया था। इस मामले में याचिकाकर्ता और संगठन प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने अपनी पत्नी किरण सिंह को वादी बनाया था। विश्व वैश्विक सनातन मंच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवताओं की रोजना नियमित पूजा के अधिकार की मांग करने वाली पांच वादी महिलाओं में से एक राखी सिंह का समर्थन कर रहा है।