बारिश न होने से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उमस व गर्मी लगातार बढ़ने से लोग बिन एसी कूलर के नहीं रह पा रहे हैं। नतीजतन, बिजली की अधिकतम मांग 27 हजार मेगावाट की सीमा पार कर गई है। इतनी बिजली दे पाने में कारपोरेशन के हाथ पांव फूलने लगे हैं। रात में गांवों, कस्बों, तहसीलों और बुंदेलखंड क्षेत्र में तीन-तीन घंटे तक कटौती शुरू कर दी गई है
पावर कारपोरेशन के सामने तय शिड्यूल के मुताबिक बिजली दे पाना चुनौती बन गया है। उमस में हर क्षेत्र में बिजली की मांग अधिक होने लगी है। लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को रात 11 52 बजे प्रदेश में 26290 मेगावाट बिजली की सप्लाई की गई। राज्य में बिजली की अधिकतम आपूर्ति का रिकार्ड 26537 मेगावाट है। पावर कारपोरेशन मौजूदा मांग को पूरा करे तो यह रिकार्ड तत्काल टूट जाएगा। न्यूनतम मांग जो कि शुक्रवार को सुबह 522 बजे थी, वह भी 19140 मेगावाट दर्ज की गई। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि उमस और गर्मी से राज्य में बिजली की मांग लगातार 22 से 23 हजार मेगावाट औसतन बनी हुई है। लगातार इस मांग को पूरा कर पाने में दिक्कतें हो रही हैं।
पावर एक्सचेंज पर बिकने लगी महंगी बिजलीयूपीएसएलडीसी द्वारा शुक्रवार की सुबह जारी मार्निंग रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को रात में 12 बजे जब बिजली की मांग 25924 मेगावाट थी उस समय सेंट्रल सेक्टर से राज्य को 14227 मेगावाट बिजली मिली थी। उ.प्र. विद्युत उत्पादन निगम ने इस समय 3741 मेगावाट बिजली दिया। उत्पादन निगम से अपेक्षा के मुताबिक बिजली नहीं मिली। एनर्जी एक्सचेंज से 3880 मेगावाट बिजली के साथ ही अन्य स्रोतों से भी बिजली ली गई थी। सूत्र बताते हैं कि इस समय पावर एक्सचेंज पर बिजली के दामों में वृद्धि नजर आ रही है। शुक्रवार की शाम 6.15 बजे जब मांग सामान्य थी उस समय भी पावर एक्सचेंज पर बिजली की कीमत 7.64 रुपये प्रति यूनिट थी।
कहां कितनी बिजली आपूर्ति
क्षेत्र तय शेड्यूल आपूर्ति
ग्रामीण 18.00 14.44
नगर पंचायत 21.30 18.26
तहसील 21.30 18.40
बुंदेलखंड 20.00 17.43
यह आंकड़ा गुरुवार को की गई बिजली आपूर्ति का है। (मांग और आपूर्ति घंटे में) जिला मुख्यालय, महानगर, मंडल मुख्यालय और औद्योगिक क्षेत्र में 24 घंटे बिजली आपूर्ति किए जाने का जिक्र है।