अब योगी सरकार सरकारी स्कूलों में अपनी जगह किसी और को पढ़ाने भेजने वाले शिक्षकों पर नकेल कसने जा रही है। शिक्षकों का फर्जीवाड़ा रोकने की बड़ी पहल की गई है। अब प्राक्सी टीचर या तैनाती के बावजूद स्कूल न जाने वाले शिक्षकों की पकड़ आसान होगी। निरीक्षण के समय एक ही नजर में शिक्षकों का ब्यौरा दिख जाएगा। इसके लिए हर  प्राइमरी, जूनियर स्कूल और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में ‘हमारे शिक्षक’ बोर्ड लगाया जाएगा। इस बोर्ड पर शिक्षकों की तस्वीर के साथ उनका ब्योरा होगा।

प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मंगलवार को निर्देश जारी कर दिए। इस पर स्कूल के शिक्षकों के नाम, फोटो, पदनाम, शैक्षिक योग्यता, स्कूल में तैनाती का वर्ष और मानव संपदा आईडी लिखा जाएगा। 

उन्होंने कहा कि ‘हमारे शिक्षक’ बोर्ड स्कूल में ऐसी जगह लगाया जाए जिसे स्कूल में प्रवेश करते ही देखा जा सके। शिक्षकों के स्थानान्तरण, पदोन्नति व सेवानिवृत्ति के बाद इस बोर्ड को अपडेट किया जाएगा। एक बोर्ड पर अधिकतम छह शिक्षकों का विवरण अंकित किया जाएगा। छह से अधिक शिक्षक होने की स्थिति में दो बोर्ड लगाए जाएंगे। अगले 15 दिनों में यह बोर्ड सभी स्कूलों में लगाया जाएगा। 

प्रधानाध्यापकों व वार्डनों को बोर्ड लगाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।  विभागीय अधिकारियों, जनपद स्तरीय टास्क फोर्स, ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स, अकादमिक रिसोर्स पर्सन्स द्वारा स्कूलों के निरीक्षण करते समय इस बोर्ड को देखना अनिवार्य है। प्रति बोर्ड अधिकतम 500 रुपये की धनराशि दी जाएगी। यह बोर्ड फ्लेक्स शीट पर बनाया जाएगा और इस पर शिक्षक का फोटो तीन इंच चौड़ी व चार इंच लम्बा होगा।

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