राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च न्यायालय के लिए 20 न्यायिक अधिकारियों और छह वकीलों को विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश और अतिरिक्त न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति की है।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय विभाग की ओर से शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 के खंड (1) और अनुच्छेद 224 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए महामहिम राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श पर विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों एवं अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की है।
विज्ञप्ति के अनुसार, न्यायिक अधिकारी सुशील कुकरेजा और वीरेंद्र सिंह को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया है। इसी प्रकार न्यायिक अधिकारी गौरीशंकर शतपथी और चित्तरंजन दास को उड़ीसा उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
वकील एनुगुला वेंकट वेणुगोपाल उर्फ ई.वी. वेणुगोपाल, नागेश भीमपाका, पुल्ला कार्तिक उर्फ पी. एलामदार और
काजा सरथ उर्फ के. शरथ तेलंगाना उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया है। वकील जगन्नागरी श्रीनिवास राव उर्फ जे. श्रीनिवास राव और नामवरपु बालेश्वर राव तेलंगाना उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
न्यायिक अधिकारी सुष्मिता फुकन खौंड और मिताली ठाकुरिया को गौहाटी उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर न्यायिक अधिकारी रेणु अग्रवाल, मो. अजहर हुसैन इदरीसी, राम मनोहर नारायण मिश्र, ज्योत्सना शर्मा, मयंक कुमार जैन, शिव शंकर प्रसाद, गजेंद्र कुमार, सुरेंद्र सिंह-एक और नलिन कुमार श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया है। न्यायिक अधिकारी अनिल भीमसेन कट्टी, गुरुसिद्दैया बसवराज, चंद्रशेखर मृत्युंजय जोशी, उमेश मंजूनाथभट अडिगा और तलकड़ गिरिगौड़ा शिवशंकरे गौड़ा को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया है।