बाराबंकी–
राज्यपाल ने मुस्कान ड्रीम क्रिएटिव फाउंडेशन द्वारा ‘डिजिटल शाला प्रोजेक्ट’ का किया लोकार्पण,
जनपद बाराबंकी के हिन्द मेडिकल कॉलेज सफेदाबाद के ऑडिटोरियम में श्रीमती आनंदीबेन पटेल राज्यपाल ने मुस्कान ड्रीम क्रिएटिव फाउंडेशन द्वारा ‘डिजिटल शाला प्रोजेक्ट’ का लोकार्पण किया। राज्यपाल ने लोकार्पण समारोह का द्वीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि बाराबंकी के 75 स्कूलों में स्मार्ट क्लास का संचालन करने के लिए सबसे पहले टीचरों को स्मार्ट क्लास के लिए ट्रेनिंग देनी होगी, इसके साथ ही वहां के बच्चों को भी स्मार्ट क्लास के लिए ट्रेनिंग दी जाये। इसके साथ ही अध्यापक बच्चों पर नजर भी रखें कि उनकी रूचि किस क्षेत्र में है। बच्चों का स्वास्थ्य भी बहुत जरूरी है, विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी टीचर्स को सजग रहने की आवश्यकता है। पौष्टिक आहार बच्चों को मिलना बहुत अधिक जरूरी है, इससे बच्चों का मानसिक विकास होता है तथा बच्चे कुपोषण से दूर रहते है। जितनी जिम्मेदारी माॅ की होती है उतनी पिता की भी जिम्मेदारी होती है बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर। कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि उद्भव योजना के अन्तर्गत 11 सीएचसी में प्रेरणा कैंटीन संचालित की जा रही है। राज्यपाल ने वृद्धाश्रम के लिए 1 लाख 36 हजार 850 रुपये दान स्वरूप भेंट किया। जिला कारागार में बंदी कल्याण के लिए प्रोजेक्टर भी प्रदान किया गया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई के साथ ही समस्त प्रकार की शिक्षा में मातृभाषा का उपयोग लाना आवश्यक है।
राज्यपाल ने कहा कि कोविड कालखण्ड में हम सभी ने अनुभव किया है कि डिजिटल इण्डिया ने हमारे काम को कितना सरल बना दिया है। आज तो हम देखते हैं कि कई लोग अपने घर से ही अपना काम कर रहे हैं। कल्पना कीजिए ये डिजिटल कनेक्ट नहीं होता तो कोरोना काल में क्या स्थिति होती। डिजिटल इण्डिया ने युवाओं की जिन्दगी ही बदल दी है। देश में आज एक तरफ इनोवेशन का जुनून है तो दूसरी तरफ उन इनोवेशन को तेजी से स्वीकार करने का जज्बा भी है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि मुस्कान ड्रीम क्रिएटिव फाउंडेशन ने शिक्षकों को प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग पर आधारित डिजिटल कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु ‘डिजिटल शाला प्रोजेक्ट’ का मॉडल प्रस्तुत किया है। इसको आज से बाराबंकी जिले के बीस सरकारी स्कूलों में लागू किया जा रहा है। इसके साथ ही अगले तीन वर्षों में सौ स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को डिजिटल सीखने और भविष्य के कौशल का अवसर प्रदान करने के लिए लागू किया जायेगा। मैं चाहूंगी कि इस प्रोजेक्ट को पूरे उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जाये।
श्रीमती पटेल ने कहा कि मुस्कान ड्रीम सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए डिजिटल सीखने के अवसरों को सक्षम करके और शिक्षकों को डिजिटल प्रणाली में सशक्त बनाकर उनके बीच की दूरी समाप्त करने का समाधान कर रहा है। मुस्कान ड्रीम का उद्देश्य सन् 2025 तक एक मिलियन बच्चों के लिए डिजिटल लर्निंग और कोडिंग को सक्षम करने का लक्ष्य है। डिजिटल शाला शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण पोर्टल है। इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना और इसे डिजिटल माध्यम से जोड़ना है।
राज्यपाल ने कहा कि वास्तव में यह डिजिटल शाला माता-पिता, शिक्षकों और छात्रों को शिक्षा में अगला कदम उठाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। शिक्षक इस पोर्टल पर छात्रों के प्रोफाइल का प्रबंधन कर सकते हैं और शैक्षणिक परिणाम बना सकते हैं। छात्र शाला पोर्टल में लॉग इन कर सकते हैं और सूचनात्मक वीडियो के साथ समृद्ध वातावरण में सीख सकते हैं। माता-पिता इस पोर्टल का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं क्योंकि यह उन्हें स्कूल परिसर के अन्दर कदम रखे बिना अपने बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर नजर रखने की सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के परिणाम स्वरूप आॅनलाइन शिक्षा को बढ़ावा मिला। इससे जहां कहीं भी पारम्परिक और व्यक्तिगत शिक्षा प्राप्त करने का साधन उपलब्ध होना सम्भव नहीं है, वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वैकल्पिक साधनांे की तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए स्कूली शिक्षा को ई-शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजिटल कन्टेन्ट और क्षमता निर्माण के उद्देश्य से एक समर्पित इकाई बनायी गई। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी एवं उद्देश्यपूर्ण परिवर्तन आयेगा।
इस दौरान श्रीमती पटेल ने बताया कि हमने शिक्षण के नए तरीके ऑनलाइन शिक्षण पद्धति को अपनाना सीख लिया है, जो लंबे समय तक चलने वाला है, क्योंकि इसके अनेक लाभ हैं। ऑनलाइन शिक्षा को आउटकम आधारित बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किया जाना जरूरी है। टीचर्स डेवलपमेंट प्रोग्राम, न्यू टेक्नोलॉजी, टीचिंग लर्निंग के क्वालिटी बेंचमार्क बनाकर कार्य किया जाए। मुझे प्रसन्नता है कि हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इन सभी का विशेष ध्यान रखा गया है। मुझे विश्वास है कि सबके लिए आसान पहुंच, समानता, गुणवत्ता, वहनीयता और जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित यह नई शिक्षा नीति हमारे भारत देश को सतत विकास के लिए अग्रसर करेगी। उन्होंने बताया कि बच्चों को सजग, सतर्क, जिज्ञासु और क्रियाशील बनाने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रारम्भिक आयु के वे संवेदनशील वर्ष होते हैं, जिनमें कक्षा दस तक की शिक्षा प्राप्त की जाती है। जापान और जर्मनी जैसे देश अपनी भावी पीढ़ी को सही ढंग से तैयार करके ही आज की अनुकरणीय स्थिति में पहुंच सके हैं। उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा और अध्यापकों के प्रशिक्षण पर सबसे अधिक ध्यान दिया है। बच्चों को समय का महत्व बताया और परिश्रम की आवश्यकता समझाई। बच्चों के समक्ष देश के लिए अपना बलिदान करने वालों की शौर्य गाथाएं सुनाई।
राज्यपाल ने कहा कि भावी पीढ़ी के निर्माता होने के कारण प्रत्येक राष्ट्र को शिक्षकों से बहुत अपेक्षायें होती हैं, उन पर बच्चों के चरित्र निर्माण और विकास को नये आयाम देने की जिम्मेदारी है। इस दृष्टि से हमारे देश में नई शिक्षा नीति-2020 में शिक्षकों के सम्मान और गरिमा के अध्यापकों के प्रशिक्षण पर बहुत जोर दिया गया है। बच्चों के घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक ही होने से बच्चों के सीखने की गति बेहतर होती है। पांचवी कक्षा तक, बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही पढ़ाने पर सहमति की व्यवस्था से बच्चों की नींव तो मजबूत होगी ही, उनकी आगे की पढ़ाई का भी आधार और मजबूत होगा। एक बात मैं और कहना चाहूंगी एक अध्यापक बच्चों के मन में विषय के प्रति लगाव कैसे उत्पन्न कर सकता है, यह विचारणीय प्रश्न है। हर समृद्ध व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपने से कम समृद्ध को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में सहयोग करे। देश के सबसे बड़ा राज्य होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हम देश की उन्नति में अपना सक्रिय योगदान देने का पूरा प्रयास करें।
कार्यक्रम के दौरान मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा ने कहा कि इस शुभ अवसर पर भोलेनाथ की पावन धरा पर आपका हार्दिक स्वागत है। मुस्कान फाउंडेशन का धन्यवाद ज्ञापित करता हॅू तथा मा0 मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में डिजिटल लर्निंग के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न साकार हो रहा है।
कार्यक्रम के दौरान सांसद लल्लू सिंह, मुस्कान ड्रीम फाउंडेशन के संस्थापक और सीईओ अभिषेक दुबे, एक्यूइटी नाॅलेज पार्टनर्स के सीएचआरओ अवधेश दीक्षित, जिलाधिकारी डॉ आदर्श सिंह, पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स, मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती एकता सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0रामजी वर्मा, उपजिलाधिकारी नवाबगंज सुमित यादव, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट, शिक्षकगण एवं विद्यार्थियों सहित पत्रकार बंधु मौजूद रहे।