पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने आज खुलासा किया कि उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और वह सपा के समर्थन से निर्दलीय के तौर पर राज्यसभा जाएंगे. सपा कपिल सिब्बल का समर्थन कर रही है. कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने 16 मई को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.” उन्होंने कहा कि संसद में एक स्वतंत्र आवाज होना जरूरी है. अगर एक स्वतंत्र आवाज बोलती है तो लोगों को पता चलेगा कि ये किसी राजनीतिक दल से नहीं है.
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सिब्बल ने कहा कि मैं कांग्रेस का नेता था, लेकिन अब नहीं. कांग्रेस की सदस्यता से 16 तारीख को इस्तीफा दे चुका हूं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार व्यक्त करता हूं. 2024 चुनाव को लेकर हम सब एक साथ आ रह हैं. केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करेंगे. सब एक साथ मिलकर जनता के बीच बात रखेंगे. आजम खान के बारे में सवाल आप उन्हीं से पूछ लीजिए.
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कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने लखनऊ में सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने में आजम खान का बहुत बड़ा रोल है. सिब्बल ने आजम का केस सुप्रीम कोर्ट में लड़ा था. आजम को बेल दिलाने में कपिल सिब्बल का अहम योगदान है. सपा के पास अब भी दो और राज्यसभा सीटें बची हैं, जिन पर संशय बरकरार है. डिंपल यादव और जावेद अली खान का नाम इन सीटों के लिए सबसे आगे हैं. अखिलेश यादल कपिल सिब्बल को लेकर विधानसभा भी पहुंचे.
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गौरतलब है कि सिब्बल कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक और 23 असंतुष्टों के समूह “जी -23” का हिस्सा थे, जिन्होंने पार्टी के नेतृत्व और संगठन को पूरी तरह से बदलने का आह्वान किया था. वे हाल के हफ्तों में गांधी के नेतृत्व की आलोचना को लेकर भी मुखर थे. उन्होंने कुछ समय पहले अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए इंटरव्यू में कहा था कि गांधी परिवार को कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से अलग होना चाहिए और किसी अन्य को मौका देना चाहिए.उन्होंने यह भी कहा कि वह ‘घर की कांग्रेस’ नहीं, बल्कि ‘सबकी कांग्रेस’ चाहते हैं.वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कांग्रेस तो घर-घर की है, कुछ लोग इसे डिनर औऱ बंगलों की कांग्रेस बना देना चाहते हैं. एक बार यूपी आकर देख लेते कि अगुवाई और लड़ाई कैसी होती है, मिट गए वो सब जो कांग्रेस के मिटने की बात करते रहे. बता दें कि अगले महीने होने वाले राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 11 सीटें शामिल होंगी.