राम की नगरी अयोध्या में दंगे भड़काने की एक बड़ी साजिश का पुलिस ने पर्दाफाश किया गया है. यहां कुछ शरारती तत्वों ने जालीदार टोपी लगाकर मस्जिदों के बाहर आपत्तिजनक पर्चे और धार्मिक स्थलों पर मांस के टुकड़े फेंके.
अब इनका भंडाफोड़ हुआ है और पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस साजिश को रचने वाला आरोपी हिस्ट्रीशीटर है जिसपर चार मामले पहले से दर्ज हैं.
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छानबीन के बाद पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है, वहीं 4 अन्य लोगों की अभी तलाश है. पुलिस ने पहले दो आरोपियों को पकड़ा था. उन्होंने बाकियों की पहचान कराई. ये सभी ‘हिंदू योद्धा संगठन’ से जुड़े हुए बताये गए हैं.
गिरफ्तार लोगों में महेश मिश्रा (मास्टरमाइंड), प्रत्यूष कुमार, नितिन कुमार, दीपक गौड़, ब्रजेश पांडे, शत्रुघ्न व विमल पांडेय शामिल हैं. इनपर मस्जिदों के बाहर आपत्तिजनक सामान फेंक कर तनाव की साजिश रचने का आरोप है. ये लोग सीसीटीवी में भी कैद हुए थे.
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जानकारी के मुताबिक, आरोपी खुद चाहता था कि वह ऐसा करता हुआ CCTV में कैद हो. इसलिए उसने इलाके की ऐसी दो मस्जिदें चुनीं जहां पर सीसीटीवी लगा हुआ था.
पुलिस ने बताया कि महेश मिश्रा इसका मास्टरमाइंड था. उसने ब्रजेश पांडे नाम के शख्स के घर पर इसकी प्लानिंग रची थी. महेश ने आपत्तिजनक पर्चे लालबाग से छपवाये थे. वहीं आरोपी प्रत्यूष श्रीवास्तव ने कुरान और टोपी खरीदी थी.
इसके अलावा अन्य आरोपी ने लालबाग से मांस खरीदा था. इस सामान को 26 अप्रैल को जुटाया गया और फिर कश्मीरी मोहल्ला मस्जिद में मांस और कुरान को फेंका. फिर दूसरी मस्जिद में आपत्तिजनक सामान और मांस फेंका गया.
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पुलिस को इस मामले में कुल चार शिकायतें मिली थीं. इसमें बताया गया था कि आत्शा जामा मस्जिद, घोसियाना मस्जिद, कश्मीरी मोहल्ले में एक मस्जिद और एक मजार जिसे गुलाब शाह बाबा के नाम से जाना जाता है उसके बाहर आपत्तिजनक पर्चे और मांस फेंका गया था.
पुलिस ने मुताबिक, आरोपी जहांगीरपुरी का बदला लेना चाहते थे. बताया गया कि आरोपियों ने कहा कि हनुमान जयंती के मौके पर जहांगीरपुरी में हिंसा हुई, इसलिए वे लोग ईद पर माहौल खराब करना चाहते थे. ये लोग चाहते थे ईद की खुशी में खलल डाली जाए.
फिलहाल इन लोगों पर आईपीसी की धारा 295 और 295A के तहत मामला दर्ज किया गया है. अब इन लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत केस दर्ज होगा.