सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यूपी के चर्चित लखीमपुर खीरी काण्ड पर सुनवाई करते हुए मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 24 मार्च को कोर्ट मामले पर फिर से सुनवाई करेगा।

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अदालत में सुनवाई के दौरान 10 मार्च को एक गवाह पर हुए हमले की भी जानकारी दी गई। इसपर कोर्ट ने राज्य सरकार को सभी गवाहों को सुरक्षा देने का आदेश दिया। कोर्ट ने मामले से जुड़े गवाहों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार से हलफनामा दायर करने को कहा है। अब जहां होली की छुट्टी के बाद मामला को सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया गया है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने बुधवार को सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध करते हुए कहा था कि वह उसी पीठ का गठन करेगी, जो पहले लखीमपुर खीरी घटना से उत्पन्न मुद्दों से निपट रही थी।

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वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा था कि आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाने के कुछ दिनों बाद जल्द ही मुख्य संरक्षित गवाहों में से एक पर बेरहमी से हमला किया गया और कथित हमलावरों ने यह भी कहा कि अब भाजपा चुनाव जीत गई है तो उसको देख लेंगे।

लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा को जमानत दी थी।

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बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले साल अक्टूबर की शुरुआत में भड़की हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि आशीष मिश्रा की कार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया, जिससे 4 की मौत हो गई। वहीं, इसके बाद भड़की हिंसा में 4 लोग और मारे गए।

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