उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में यूपी के लगातार तीसरे साल नंबर वन होने पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि सूबे की कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है मगर कानून व्यवस्था के सुधार के नाम पर पुलिस की बर्बरता ही देखने को मिलती है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ताज़ा रिपोर्ट किसी भी सरकार के लिए शर्मिंदा करने वाली है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी अपनी पीठ ठोंकने में जुटे हुए हैं। एनएचआरसी की रिपोर्ट कहती है कि देश भर से आए मानवाधिकार उल्लंघन मामलों में 40ः हिस्सेदारी सिर्फ उत्तर प्रदेश की है, जो कि बेहद शर्मनाक है ।
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कल कानपुर में एक बच्ची को गोद में लिए व्यक्ति की बर्बर पिटाई का वीडियो वायरल है। पुलिस वाला बुरी तरह से उसे लाठियों से पीट रहा था। बच्ची लगातार रो रही है, इसके बावजूद पुलिस वाले को दया नहीं आ रही। यह घटना पुलिस बर्बरता का एक नमूना भर है। हक़ीकत ये है कि योगी सरकार में उत्तर प्रदेश में अपराध लगातार बढ़ा है और पुलिस बेलगाम हुई है। कल ही राजधानी लखनऊ में लूट की घटना हुई जिसमें 2 लोगों को गोली मार दी गई। अपराधी निर्भीक घूम रहे हैं। दूसरी तरफ आरोपियों को पूछताछ के नाम पर थाने में इतना पीटा जाता है कि उनकी मौत हो जाती है। आगरा में अरुण वाल्मीकि के साथ ऐसा ही हुआ था। ऐसी घटनाओं को कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा जी लगातार उठा रही हैं लेकिन योगी सरकार चुप्पी साधे बैठी है।
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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक यूपी अपराध और हत्या के मामलो में नंबर वन है, लेकिन योगी सरकार जनता के टैक्स के पैसों को विज्ञापनों पर फूंक कर अपना चेहरा चमका रही है। योगी की ठोंको नीति का उल्टा असर हो रहा है। पुलिस और अपराधियों की मिलीभगत कई जगह प्रमाणित हुई है। गोरखपुर विकास देखने गये व्यापारी मनीष गुप्ता की पुलिस वालो ने हत्या कर दी। वहीं महोबा में क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को खुदकुशी पर मजबूर करने वाले पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार एक लाख रुपये के फरार इनामी हैं।
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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कानून व्यवस्था कायम करने में कानून का भय होना चाहिए न कि जनता में पुलिस का भय। आदर्श कानून व्यवस्था में व्यक्ति को न्याय मिलना चाहिए न कि पुलिस द्वारा समाज में डर का माहौल पैदा करना चाहिए। मुख्यमंत्री पुलिस पर अपना इकबाल कायम करने में फेल रहे हैं और कानून व्यवस्था कायम करने के नाम पर सिर्फ पुलिसिया बर्बरता बढ़ी है। कानून व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार कम नहीं हुआ, लूट और चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं, योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की यही उपलब्धि है।