एक तरफ देश के गृह मंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश में दूरबीन लेकर अपराधियों को ढूंढ रहे है और अपराधी हैं कि बेपरवाह होकर वारदात पर वारदात को अंजाम देते जा रहे हैं. अभी मथुरा में दरोगा परीक्षा देकर घर लौट रही बेटी के साथ चलती कार में गैंग रेप घटना का शोर थमा भी नहीं था कि प्रयागराज में एक दलित परिवार के 4 लोगों की हत्या कर दी गयी, मृतकों में 16 साल की लड़की भी शामिल है जिसके साथ गैंगरेप की भी आशंका जताई गयी है.
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बदमाशों ने गुरुवार की सुबह इस वारदात को अंजाम दिया है. पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों, जो अनुसूचित जाति के हैं, ने दावा किया है कि लड़की की हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया होगा. उन्होंने एक पड़ोसी परिवार पर अपराध का आरोप लगाया है, जो तथाकथित “उच्च जाति” से ताल्लुक रखते हैं.
पुलिस ने 11 नामजद लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या सहित अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की है. प्रयागराज पुलिस प्रमुख ने मीडिया को बताया कि कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है.
पुलिस ने कहा है कि उनके शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं, इसलिए हो सकता है कि उन पर धारदार हथियार से हमला किया गया हो. बच्ची का शव घर के अंदर एक कमरे में मिला था, जबकि अन्य तीन शव आंगन में एक साथ मिले थे.
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पीड़ित परिवार के एक सदस्य ने मीडिया को बताया कि पड़ोस के “उच्च जाति” के एक परिवार से मृतक परिवार का भूमि विवाद 2019 से चल रहा था, और दावा किया कि पीड़ितों पर सितंबर में भी उस परिवार द्वारा हमला किया गया था. हालांकि, परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले में समझौता कराने की कोशिश कर रही थी.
परिवार के सदस्य ने मीडिया को बताया, “पुलिस हत्या के पीड़ित परिवार को समझौता करने के लिए मजबूर कर रही थी. सुशील कुमार (एक पुलिस कांस्टेबल) हमारे पास आते थे और हम पर समझौता करने के लिए दबाव डालते थे. पुलिस उनके (आरोपी) घरों में बैठती थी. स्थानीय पुलिस इन्स्पेक्टर ने हमें समझौता करने के लिए भी कहा था.”
परिवार के सदस्य ने आगे कहा, “21 सितंबर को परिवार को पीटा गया था, लेकिन एक सप्ताह के बाद प्राथमिकी दर्ज की जा सकी थी, और बाद में पीड़ित परिवार के खिलाफ भी काउंटर एफआईआर दर्ज की गई थी.”
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इधर, प्रयागराज के पुलिस प्रमुख सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने एक वीडियो बयान में कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि चारों के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया गया था. शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं. प्रारंभिक जानकारी बताती है कि 2019 और 2021 में उन्होंने भूमि विवाद से संबंधित कुछ लोगों के खिलाफ एससी / एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया था. परिवार ने आरोप लगाया था कि उन मामलों में कोई प्रगति नहीं हुई थी. हम सख्त कार्रवाई करेंगे.”