तीन कृषि कानूनों को लेकर पिछले लगभग एक वर्ष से पूरे देश में आंदोलनरत किसानों को आज उस समय बड़ी जीत हासिल हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की एकता के आगे झुकते हुए तीनों काले कृषि कानून वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी.
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प्रधानमंत्री के इस एलान पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन ‘चाँद’ ने इसे किसानों की जीत बताते हुए उन्हें बधाई देते हुए कहा कि 600 से ज़्यादा किसानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री का तीन काले कृषि कानून पर बैकफुट पर आना यह दर्शाता है कि उनके इस फैसले के पीछे भी कहीं न कहीं चुनावी सियासत है. क्योंकि उन्हें और भाजपा को इस बात का पूरी तरह से आभास हो गया है कि उत्तर प्रदेश में उनकी किसान विरोधी नीतियों का उन्हें खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी का यह एलान इसी हार के डर नतीजा है.
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सपा प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा और उनकी सरकारों ने जनता का विश्वास पूरी तरह खो दिया है. उन्होंने कहा कि यह देश की विडंबना है कि प्रधानमंत्री की बातों का किसान विश्वास नहीं कर रहा है, किसानों को अब भी यकीन नहीं है, तभी किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जबतक संसद में काले कानून रद्द नहीं होंगे किसान आंदोलन जारी रहेगा।
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फखरुल हसन चाँद ने कहा कि बड़े अफ़सोस की बात है कि देश के प्रधानमंत्री के एलानों को जनता शक की नज़र से देख रही है. उन्होंने कहा कि दरअसल लोगों को भाजपा और उनके आकाओं की असलियत पता चल गयी है, उनकी कथनी और करनी का अंतर नज़र आने लगा है. आने वाले चुनाव में जनता वोट की चोट देकर भाजपा को सबक ज़रूर सिखाएगी और 22 में बदलाव होगा और अखिलेश जी की सत्ता में वापसी होगी।