यूपी के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति समेत दो अन्य को आज एक विशेष अदालत ने बलात्कार के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई। सांसदों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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फैसला सुनाए जाने के समय प्रजापति और दो अन्य दोषी अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला अदालत में मौजूद थे। विशेष अदालत ने तीनों को धारा 376 डी एवं 5जी/6 पास्को एक्ट में दोषी करार दिया गया है।
हालांकि, अदालत ने चार अन्य लोगों- विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह, उर्फ पिंटू और चंद्रपाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
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कोर्ट में सरकारी वकीलों ने बताया कि चित्रकूट की पीड़ित महिला ने 18 फरवरी, 2017 को लखनऊ के गौतम पल्ली थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति समेत सभी आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी दुष्कर्म का प्रयास किया।
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न्यायाधीश पी के राय ने बुधवार को पिछली अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे प्रजापति और उसके सहयोगियों को महिला से बलात्कार करने और उसकी नाबालिग बेटी से बलात्कार की कोशिश करने का दोषी ठहराया था। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ उचित संदेह से परे आरोपों को साबित करने में सक्षम है। अभियोजन पक्ष ने मामले में 17 गवाह पेश किए थे।