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धर्म या आस्था के नाम पर कोई निजी हित लाभ तो नहीं
दिवाली पर रिकॉर्ड: कोई ये बतायेगा कि गरीबों के खाने के लिये सरसों का तेल का भाव सतवें आसमान पर क्यों है ? लेकिन कुछ वर्षों में जुनून इस कदर परवान चढ़ा है कि अब एक नयी परंपरा की सुरूवात की गयी है कि अयोध्या में दीपावली के मौके पर दीपोत्सव आयोजन किया जायेगा वो भी सिर्फ गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज करने के मकसद से, न कि किसी वेद पुराण या प्रथा के पालन हेतु।
तो आखिर इस जुनून का मकसद धर्म या आस्था के नाम पर कोई निजी हित लाभ तो नहीं ये गहन अध्यन का विषय है कि नहीं ये तो जनता को ही तय करना होगा, क्योंकि एक संदेह इस बात से होता है कि क्योंकर दीपोत्सव से पहले ही सरसों के तेल के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होती है ? दूसरा ये कि जब सरसों के तेल की खपत सबसे ज्यादा हिंदी भाषी क्षेत्रों में होती है।
तो स्वाभाविक है कि इसका असर भी इन्ही क्षेत्रोन में ही पड़ेगा तो कहीं जान बूझकर इसके पीछे कोई हित-लाभ छुपा हो सकता है, तो स्वाभाविक है कि इस पर जनता को गहन विचार करने की आवश्यकता हैकि नहीं ये उन्ही पर निर्भर है, आखिर इसके पीछे का मेन मकसद है क्या ? और इसका खर्च आखिर आता कहाँ से है, जब इसकी घोषणा सरकार में पदासीन मुख्य गणमान्यजनों के द्वारा की जाती है, इस आयोजन से आखिरकार किसे लाभ पहुँचाया जा रहा है।
देश में समझें तेल के पीछे का खेल
सवाल तो ये उठता है कि यदि यही तेल गरीबों को मुफ्त में न देकर कम दाम में उपलब्ध करा दिया जाता तो कितना अच्छा होता ? तो कम से कम खून पसीना एक करके फसल उगाने वालों ये तो खुशी होती कि उनकी मेहनत काम आयी, यहाँ तो खेल कुछ ऐसा है कि बेचारा गरीब किसान खून पसीना एक करता है और इसका लुफ्त उठाते हैं जमाखोर वो तो किसानों से औने-पौने दामों में सरसों की खरीद करते हैं और लुटती है बेचारी जनता तो ऐसा क्यों ?
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दीपावली के मौके पर अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव में इस वर्ष 12 लाख दीये जलाए गए. इस बार दीयों की गिनती के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी अयोध्या पहुंची है. गिनीज रिकॉर्ड में सबसे अधिक दीप प्रज्वलित करने पर अयोध्या का नाम दर्ज हो गया है.
इस अवसर पर उन्होंने दीपावली पर्व की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा, सन्तों के सहयोग, जनता व जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से वर्ष 2017 में आयोजित प्रथम दीपोत्सव ने आज भव्य और दिव्य रूप ग्रहण कर लिया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी के रूप में पूरे विश्व पटल पर तेजी के साथ उभर रही है। यह नगरी भविष्य में दुनिया भर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगी। अयोध्या में मन्दिर निर्माण के साथ-साथ वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम, मीरजापुर में माँ विन्ध्यवासिनी धाम को तेजी से विकसित किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में केन्द्र व राज्य सरकार के समन्वय से 500 तीर्थ स्थलों के विकास का कार्य किया जा रहा है, जिनमें से 300 तीर्थ स्थलों के विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष तीर्थ स्थलों के विकास कार्य आगामी 02 माह मेें पूर्ण हो जाएंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ हो चुका है और लोगों की भावनाओं के अनुरूप मन्दिर निर्माण कार्य प्रशस्त हुआ है। अब मन्दिर निर्माण में किसी भी प्रकार का अवरोध और बाधा नहीं है। इससे श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन से जुड़े सन्तों, महात्माओं और लोगों की भावनाओं को पूर्णता मिली है।