बसपा सुप्रीमो मायावती ने कल सपा में पार्टी के 6 बाग़ी विधयकों के शामिल होने पर नाम लिए बगैर इशारों में ही अखिलेश यादव को ये चेतावनी भी दे दी है कि इस तरह दूसरे दलों से नेताओं को आयात करने से कोई लाभ नहीं होगा. साथ ही मायावती ने दल-बदलुओं को बरसाती मेंढक भी बताया है.
निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर अब फिर से दल-बदलू लोगों के इस पार्टी से उस पार्टी में आने-जाने का दौर शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि इससे किसी भी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है बल्कि नुकसान ही होगा. मायावती ने अपनी पार्टी के नेताओं को ये संदेश भी दिया कि बसपा के लोग इस तरह के बरसाती मेंढकों को पार्टी से दूर ही रखें.
अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें
उन्होंने चुनाव से पहले राजनीतिक दलों की बढ़ती तादाद को लेकर भी हमला बोला. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि चुनाव करीब आते ही कई ऐसी सियासी पार्टियां भी बरसाती मेंढक की तरह सामने आने लगी हैं जिनके नाम तक लोगों ने नहीं सुने. उन्होंने कहा कि सत्ता लोलुपता में इस तरह के खेल को जनता खूब समझती है. इससे लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला.
‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही बसपा के छह विधायकों ने लखनऊ में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के सामने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. एकसाथ इतने विधायकों के पार्टी छोड़कर जाने को बसपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था.
जिन विधायकों ने बसपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था उनमें जौनपुर जिले के मुंगराबादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक सुषमा पटेल, सीतापुर सिधौली के विधायक हरगोविंद भार्गव, हापुड़ के धौलाना विधायक असलम चौधरी, श्रावस्ती विधायक असलम राइनी, प्रयागराज के हंडिया विधायक हाकिम लाल बिंद और प्रतापपुर विधायक मुज्तबा सिद्दीकी शामिल हैं.